मोनसिन्योर चीका: केवल शांति ही गरीबी के दुःस्वप्न को खत्म कर सकता है
ओस्सरवातोरे रोमानो
अम्मान, बुधवार 6 मार्च 2024 : अस्थिरता के असंख्य तत्वों का प्रतिकार करने के लिए - जैसे सशस्त्र संघर्ष ("जो केवल मृत्यु और विनाश लाते हैं"), जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण - जो भेद्यता और खाद्य असुरक्षा को बढ़ा रहे हैं, हमें "एक साथ और सभी स्तरों पर" संबोधित करना चाहिए। गरीबी की समस्या, पर्याप्त भोजन की कमी से निकटता से जुड़ी हुई है।" यह बात एफएओ, आईएफएडी और डब्ल्यूएफपी के लिए परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक मोनसिन्योर फर्नांडो चीका अरेलानो ने अम्मान में "मध्य पूर्व के लिए क्षेत्रीय सम्मेलन" में कही।
परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने बार-बार उन हस्तक्षेपों के महत्व को दोहराया है जो "भूख और कुपोषण के पूर्ण उन्मूलन में योगदान करते हैं।"।इसलिए, "संकटों को मानवीय आपात स्थिति बनने से पहले रोकने के उपाय" आवश्यक हैं, लेकिन ऐसी पहल की गारंटी हेतु "शांति के लिए काम करना आवश्यक है" , क्योंकि केवल शांति ही "गरीबी और दुख के दुःस्वप्न को दूर कर सकती है।"
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