वाटिकनः महिलाएँ अभी भी समान अधिकारों से वंचित
वाटिकन सिटी
वॉशिंगटन, शुक्रवार, 8 मार्च 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में अमरीकी राज्यों के संगठन (ओसा) की स्थायी परिषद के असाधारण सत्र के अवसर पर, वाटिकन के वरिष्ठ धर्माध्कारी एवं परमधर्मपीठीय पर्यवेक्षक, महाधर्माध्यक्ष हुवान अन्तोनियो क्रूज़ सेरानो ने उन महिला प्रतिभाओं के मूल्य को रेखांकित किया जो एक अधिक न्यायसंगत एवं भाईचारे से परिपूर्ण विश्व के पुनर्निर्माण हेतु अपरिहार्य नायक हो सकती हैं।
महिलाओं का महत्व
महिलाओं के वैध अधिकारों के दावे का समर्थन करने के महत्व को रेखांकित करते हुए बुधवार 06 मार्च को अमरीकी राज्यों के संगठन (ओसा) की स्थायी परिषद के असाधारण सत्र में राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष सेरानो ने कहा कि परमधर्मपीठ महिलाओं के अधिकारों और उन्हें बढ़ावा देने वालों का समर्थन करती है।
"अमरिका की उन साहसी महिलाओं को मान्यता और दृश्यता प्रदान करने के लिए अपनाए गए संकल्प की प्रशंसा करने के बाद, जिन्होंने इस गोलार्ध को अधिक न्यायसंगत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है", महाधर्माध्यक्ष सेरानो ने कहा कि परमधर्मपीठ उन लोगों के प्रयासों में शामिल है जो समाज और कलीसियाई समुदायों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इस विचार के आलोक में किया गया कि पूरे इतिहास में महिलाओं को हाशिए पर रखा गया है और कम आंका गया है, जबकि महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में साहसी गवाह भी रही हैं।
सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहाः "महिला प्रतिभा सामाजिक जीवन की सभी अभिव्यक्तियों में आवश्यक है; इसलिए, कार्यस्थल और विभिन्न स्थानों पर जहां महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं, कलीसिया और सामाजिक संरचनाओं दोनों में महिलाओं की उपस्थिति की भी गारंटी दी जानी चाहिए"।
साहसी महिलाओं का साक्ष्य
संयुक्त राज्य अमरिका में इज़ाबेल सेटन, मदर काब्रिनी जैसे कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "हमारे पास कलीसिया में महिलाओं के कई उदाहरण हैं जिन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा में योगदान दिया है और समय की जरूरतों पर प्रतिक्रिया दी है", जिन्होंने सबसे गरीबों के लिए स्कूलों को बढ़ावा दिया है। इनके अतिरिक्त, आर्जेन्टीनी में मामा अंतुला, पेरू में सांता रोजा दा लीमा, उरुग्वे में मारिया फ्रांसिस्का डी जीसस जैसी महिलाएं हैं जिन्होंने विश्व को एक बेहतर स्थल बनाने में अनुपम योगदान दिया है।"
उन्होंने रेखांकित किया कि इन साहसी महिलाओं में से कई गुमनाम बनी हुई हैं, लेकिन उनकी स्मृति और उनका दृढ़ संकल्प नई पीढ़ियों को चुनौती देना जारी रखता है। वे वहां आशा पैदा करने में सक्षम हैं जहां कुछ भी नहीं था और उन जगहों में अथक परिश्रम करने में सक्षम हैं जहाँ अधिकारों को अभी भी मान्यता नहीं दी गई है।
महिलाएँ अपरिहार्य
इस तथ्य को रेखांकित कर कि एक न्यायसंगत एवं भ्रातृत्वपूर्ण विश्व के निर्माण के लिये महिलाएँ अपरिहार्य हैं, महाधर्माध्यक्ष सेरानो ने खेद व्यक्त किया कि समाजों का संगठन अभी भी इस तथ्य को स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित करने से दूर है कि महिलाओं को पुरुषों के समान ही सम्मान और अधिकार प्राप्त हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाएँ एक अधिक न्यायसंगत और भाईचारे से परिपूर्ण विश्व के पुनर्निर्माण की अपरिहार्य नायक हैं। पुरुषों और महिलाओं की समान गरिमा है, इस दृढ़ विश्वास के आधार पर उनके वैध अधिकारों की पुष्टि, समाज और कलीसिया के सामने गंभीर प्रश्न खड़े करती है जिन्हें सतही तौर पर टाला नहीं जा सकता है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here