श्री लंका के कोलोम्बो में ईस्टर महापर्व पर काथलिक धर्मानुयायी, तस्वीरः 31.03.2024 श्री लंका के कोलोम्बो में ईस्टर महापर्व पर काथलिक धर्मानुयायी, तस्वीरः 31.03.2024  (ANSA)

नये आँकड़े बताते हैं कि काथलिक अधिक हैं, बुलाहट कम

परमधर्मपीठ ने 2024 की पोंटिफ़िकल इयरबुक और कलीसिया की 2022 सांख्यिकीय वार्षिकी प्रकाशित की है, जिसमें तमाम विश्व के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और धर्मसंघियों तथा उपयाजकों एवं गुरुकुल छात्रों की संख्या का विवरण दिया गया है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): परमधर्मपीठ ने 2024 की पोंटिफ़िकल इयरबुक और कलीसिया की 2022 सांख्यिकीय वार्षिकी प्रकाशित की है, जिसमें तमाम विश्व के धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और धर्मसंघियों तथा उपयाजकों एवं गुरुकुल छात्रों की संख्या का विवरण दिया गया है।

2022 से 2023 तक की अवधि

कलीसिया के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा संपादित 2024 पोंटिफ़िकल इयरबुक और कलीसिया की 2022 सांख्यिकीय वार्षिकी वाटिकन प्रिंटिंग प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है तथा इस समय, किताबों की दुकानों में वितरित की जा रही हैं।

इनमें पहली दिसंबर, 2022 से 31 दिसंबर, 2023 तक की अवधि के लिए दुनिया भर में काथलिक कलीसिया के जीवन के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। इस अवधि के दौरान 9 नई धर्माध्यक्षीय पीठ और प्रेरितिक प्रशासक की पीठ की स्थापना की गई। बताया गया कि 2021 और 2022 के दरम्यान वैश्विक स्तर पर बपतिस्मा प्राप्त काथलिकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो 2021 में 1,376 अरब से बढ़कर 2022 में 1,390 अरब हो गई है।  

अफ्रीका में वृद्धि

काथलिक धर्मानुयायियों की संख्या में हुई वृद्धि दर अलग-अलग महाद्वीपों में भिन्न-भिन्न रही है। अफ्रीका में 3% की वृद्धि दर्ज की गई, जहाँ काथलिकों की संख्या साढ़े 26 करोड़ से बढ़कर 27.3 करोड़ हो गई। यूरोप में स्थिरता की स्थिति देखी गई जहाँ 2021 और 2022 में काथलिकों की संख्या 28.6 करोड़ रही। अमरीका और एशिया में काथलिकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई जहाँ क्रमशः +0.9% और +0.6% की वृद्धि देखी गई। यह प्रवृत्ति पूरी तरह से इन दो महाद्वीपों के जनसांख्यिकीय विकास के अनुरूप है। इसी बीच ओशियाना में स्थिति स्थर रही।

बुलाहटें हुई कम

2021 से 2022 के बीच विश्व में धर्माध्यक्षों की संख्या 5, 340 से बढ़कर  5,353 हो गई, जबकि पुरोहितों की संख्या में गिरावट आई। यह संख्या 407,872 से गिरकर 407,730 हो गई।

इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया कि सभी महाद्वीपों में बुलाहटों की संख्या कम हुई तथापि, अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे अधिक बुलाहटें पाई गई, विशेष रूप से धर्मबहनों की संख्या में यहाँ वृद्धि देखी गई जो  2021 में 81,832 से बढ़कर 2022 में 83,190 हो गई। इसी प्रकार, अफ्रीका में गुरुकुल छात्रों की भी वृद्धि हुई, जहाँ इस समय गुरुछात्रों की संख्या 34,541 है। एशिया में यह संख्या 31,767, अमरीका में 27,738, यूरोप में 14,461 तथा ओशियाना में 974 है।   

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05 April 2024, 11:22