प्राणदण्ड  एक क्रूर प्रथा, प्रतीकात्मक तस्वीर प्राणदण्ड एक क्रूर प्रथा, प्रतीकात्मक तस्वीर  

पालियाः प्राणदण्ड पर कलीसिया की धर्मशिक्षा नबूवती

वाटिकन स्थित जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष विन्चेन्सो पालिया ने मृत्युदंड पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों पर चिन्ता ज़ाहिर की जिसमें इसे लागू करने वाले देशों में प्राणदण्ड की बढ़ती संख्या का दस्तावेजीकरण किया गया है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 31 मई 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो):  वाटिकन स्थित जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष विन्चेन्सो पालिया ने मृत्युदंड पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों पर चिन्ता ज़ाहिर की जिसमें इसे लागू करने वाले देशों में प्राणदण्ड की बढ़ती संख्या का दस्तावेजीकरण किया गया है।

आशा और सद्भाव

महाधर्माध्यक्ष कहते हैं, "काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा आशा और सद्भाव को प्रोत्साहित करते हुए मृत्युदण्ड की अविश्वसनीय क्रूरता के विरोध को रेखांकित करती है, जिसे पवित्र धर्मशास्त्र ने काईन के समय से ही प्रतिबंधित कर दिया था।"

मृत्युदण्ड पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की साल 2023 की रिपोर्ट पर टीका करते हुए महाधर्माध्यक्ष विन्चेन्सो पालिया ने कहा, आशा यह है कि जिन देशों ने मृत्युदंड का या तो उन्मूलन या रोक के माध्यम से परित्याग कर दिया है, वे उन अन्य देशों को प्रेरित करें जो अभी भी इसका क्रूर दण्ड का अभ्यास करते हैं।

हाल ही में प्रकाशित एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, विगत वर्ष, 1153 ज्ञात फाँसी के मामले दर्ज किये गये, यह संख्या 2022 की तुलना में 30% अधिक है, जो पिछले दस वर्षों में पहले से कहीं अधिक है, हालांकि, अतीत की तुलना में कम संख्या में देशों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। इस साल भी, प्राणदण्ड देने में ईरान और सऊदी अरब शीर्ष पर रहे हैं, लेकिन चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम जैसे देशों की संख्या ग़ायब है जो डेटा का खुलासा नहीं करते हैं।

उदाहरण फैले

महाधर्माध्यक्ष पालिया ने कहा कि हालांकि विश्व में ऐसे कम ही देश हैं जो इस क्रूर प्रथा को जारी रखे हुए हैं तथापि समस्या यह है कि ये देश आसानी से इसकी वृद्धि करते जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद की कि मृत्युदण्ड का परित्याग कर चुके देशों का उदाहरण फैले और इस संकट को हराने में मदद करे, उदाहरण के लिए, उन्होंने कहा,  डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो जैसे कुछ देशों में, इस क्रूर प्रथा को हाल ही में फिर से शुरू किया गया है।

महाधर्माध्यक्ष पालिया ने कहा, मैं वास्तव में आशा करता हूं कि यह उपकरण, जो तेज़ी से अपनी क्रूरता में उभर रहा है, समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि प्रगति इस अर्थ में हमारी मदद करेगी। मेरी चिंता दूसरे परिप्रेक्ष्य में है, और वह, युद्ध के बारे में, हथियारों के बारे में, उस संवेदनशीलता के बारे में है जो हथियारों को सौंपने की राजनीति से संलग्न है, यह अत्यधिक गम्भीर मामला है।

प्राणदण्ड पर कलीसिया

महाधर्माध्यक्ष पालिया ने प्राणदण्ड पर काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा की पुनरावृत्ति करते हुए कहा कि कलीसिया सिखाती है कि मृत्युदंड किसी भी दृष्टिकोण से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि यह कलीसिया द्वारा दी जानेवाली एक खूबसूरत भविष्यवाणी है। उन्होंने स्मरण दिलाया कि 1990 के दशक में संत जॉन पॉल द्वितीय ने  जहां भी प्राणदण्ड को रोकने, धीमा करने, स्थगित करने, खत्म करने की बात आई वहां हस्तक्षेप किया था। सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भी कलीसिया की धर्मशिक्षा पर बल देते हुए प्राणदण्ड को रोके जाने की बात कही थी।  इसी प्रकार सन्त पापा फ्राँसिस के नवीनतम दस्तावेज़ डिग्नितास इनफिनिता में बड़ी स्पष्टता के साथ दोहराया गया है कि प्राणदण्ड एक क्रूर प्रथा है जिसका उन्मूलन किया जाना अनिवार्य है।

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31 May 2024, 10:20