क्राकोव में कार्डिनल सेमेरारो ने शहीद पोलिश पुरोहित को धन्य घोषित किया
वाटिकन न्यूज
क्राकोव, 18 जून 2024 : परमधर्मपीठीय संत प्रकरण विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल मार्सेलो सेमेरारो ने फादर माइकेल रापाक की धन्य घोषणा को "ईश्वर की ओर से सांत्वना का संकेत" बताया, ऐसे समय में जब दुनिया के कई हिस्सों में हिंसा और युद्ध की मार अभी भी जारी है।
कार्डिनल सेमेरारो ने 15 जून को पोलैंड के क्राकोव में संत पापा फ्राँसिस की ओर से समारोह की अध्यक्षता की। प्लॉकी में एक पल्लीपुरोहित के रूप में सेवारत 42 वर्षीय फादर माइकेल रापाक को 12 मई 1946 को कम्युनिस्ट शासन के दौरान विश्वास के प्रति घृणा के कारण मार दिया गया था। रात के समय हथियारबंद लोगों के एक समूह ने फादर माइकेल के घर में प्रवेश किया, उनका अपहरण किया और उन्हें पास के जंगल में मार डाला।
दुनिया के लिए आशा का संदेश
यह उत्सव लागिएवनिकी के दिव्य करुणा तीर्थस्थल पर मनाया गया, जिसे 17 अगस्त 2002 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने आशीष दिया था। आधुनिक शैली और अण्डाकार आकार वाला यह पूजा स्थल, वह स्थान है जहाँ संत फौस्तिना कोवलस्का को दफनाया गया है, जो दिव्य करुणा के प्रति समर्पण की प्रेरित हैं, जिनसे संत पापा जॉन पॉल द्वितीय बहुत जुड़े हुए थे।
एक गर्म धूप वाले दिन गिरजाघर के अंदर और बाहर क्राकोव महाधर्मप्रांत और अन्य धर्मप्रांतों के पुरोहित और कई श्रद्धालु एकत्र हुए। कार्डिनल सेमेरारो ने कहा कि यहाँ से "पूरे पोलिश राष्ट्र और पूरी दुनिया में आशा और सांत्वना का संदेश जाता है।"
यूखारिस्त, नास्तिकता और भौतिकवाद का प्रतिकारक
कार्डिनल सेमेरारो ने अपने प्रवचन में कहा कि फादर रापाक का उदाहरण जिसका हम अनुसरण कर सकते हैं, यह दर्शाता है कि कैसे "ईश्वर के व्यक्ति के रूप में यूखारिस्त उनके जीवन का आधार था।"
"पवित्र रोटी में मौजूद मसीह के लिए प्रेम फैलाना, उनके लिए नास्तिकता, भौतिकवाद और उन सभी विश्वदृष्टियों के लिए एकमात्र प्रभावी प्रतिकारक था जो मानव गरिमा को खतरे में डालते हैं" और "वेदी पर येसु के उपहार से" प्लॉकी के इस पल्ली पुरोहित ने "सबसे बड़ा प्रेम प्राप्त किया, वह प्रेम जो घृणा, हिंसा और भय पैदा करने वाली हर चीज के सामने पंगु नहीं रहता।" कार्डिनल सेमेरारो ने याद किया कि दयालु फादर माइकेल ने दृढ़ संकल्प रखा: "मैं अपनी भेड़ों के लिए अपना जीवन देने के लिए तैयार हूँ।"
युवा लोगों के लिए एक उदाहरण
इस गवाह के प्रकाश में, कार्डिनल ने युवा लोगों को शहीद पुरोहित को "येसु के सुसमाचार को अपने पूरे व्यक्तित्व के साथ अपनाने के लिए प्रोत्साहन" के रूप में देखने हेतु आमंत्रित किया, क्योंकि फादर रापाक ने अपने जीवन के दौरान "सबसे बड़ा ज्ञान प्राप्त किया: यह जानना कि अपने पूरे व्यक्तित्व को किसके हवाले करना है। वे इस बात से अवगत थे कि "ख्रीस्तीय आह्वान के प्रति उदारता से प्रतिक्रिया करना हमेशा संत बनने के आह्वान का उत्तर देना है जिसे ईश्वर हर पुरुष और महिला को संबोधित करते हैं।"
संत पापा फ्राँसिस द्वारा श्रद्धांजलि
धन्य घोषित किए जाने के बाद, रविवार को देवदूत प्रार्थना का पाठ करने के बाद संत पापा फ्राँसिस ने धन्य फादर रापाक की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे "मसीह के हृदय के अनुसार एक पुरोहित और सुसमाचार के एक वफादार और उदार गवाह" हैं, जिन्होंने नाजी और सोवियत दोनों तरह के उत्पीड़न को झेला, लेकिन दूसरों की सेवा और विश्वास की गवाही के माध्यम से "अपने जीवन के उपहार के साथ" इसका जवाब दिया।
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