कार्डिनल टागले ने काथलिकों को ईश्वर के उपहारों को साझा करने हेतु आमंत्रित किया
वाटिकन न्यूज़
इंडियानापोलिस, सोमवार 22 जुलाई 2024 : राष्ट्रीय यूखरिस्तीय कांग्रेस के विषय संत योहन के सुसमाचार "मुझमें बने रहो" पर विचार करते हुए, इस आयोजन के लिए संत पापा फ्राँसिस के विशेष दूत कार्डिनल लुइस अंतोनियो टागले ने पिता ईश्वर की ओर से एक उपहार के रूप में येसु के मिशन पर प्रकाश डाला।
कार्डिनल लुइस अंतोनियो टागले ने अपने प्रवचन के दौरान कहा, " पिता ईश्वर द्वारा येसु को दूसरों को दिए जाने के लिए भेजा गया है," और उन्होंने समझाया कि यूखरिस्त इस उपहार को समाहित करता है, क्योंकि येसु दुनिया के जीवन के लिए अपना शरीर और रक्त अर्पित करते हैं।
सुसमाचार प्रचार के लिए बने विभाग के प्रो-प्रीफेक्ट कार्डिनल लुइस अंतोनियो टागले ने रविवार, 21 जुलाई को इंडियानापोलिस, इंडियाना में राष्ट्रीय यूखरिस्तीय कांग्रेस का समापन मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया।
उन्होंने विश्वासियों को चुनौती दी कि वे अपने जीवन और दुनिया को केवल उपलब्धि के बजाय उपहार के नज़रिए से देखें।
"क्या हम अभी भी खुद को, व्यक्तियों, वस्तुओं, काम, समाज, घटनाओं और सृष्टि को उपहार के क्षितिज के भीतर देखते हैं?" उन्होंने चेतावनी दी कि इस दृष्टिकोण को खोने से आत्म-अवशोषण और मिशनरी उत्साह की कमी होती है।
येसु को छोड़ने का दर्द
कार्डिनल टागले ने येसु को छोड़ने वाले शिष्यों की कठिन वास्तविकता को संबोधित किया, जैसा कि जॉन के सुसमाचार, अध्याय 6 में वर्णित है और उन्होंने इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया कि क्या कलीसिया के कार्य कभी-कभी इस प्रस्थान में योगदान करते हैं।
उन्होंने यूखरिस्ट और इसकी परिवर्तनकारी शक्ति के साथ गहन जुड़ाव का आग्रह करते हुए पूछा, "क्या यह संभव है कि हम शिष्य दूसरों को येसु से दूर करने में योगदान देते हैं?"
उन्होंने उन लोगों का स्वागत करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला जो हाशिए पर महसूस करते हैं, जैसे कि गरीब, प्रवासी और बुजुर्ग, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे कलीसिया समुदाय का हिस्सा महसूस करते हैं।
यूखरिस्तीय मिशनरियों को आह्वान
कार्डिनल टागले ने कहा कि जो लोग येसु के साथ रहने का चुनाव करते हैं, उन्हें येसु द्वारा भेजे जाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हमें येसु को अपने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। यह शिष्यत्व नहीं है। यह स्वार्थ है," और उन्होंने विश्वासियों से आह्वान किया कि वे येसु से प्राप्त प्रेम और करुणा को थके हुए, खोए हुए और विभाजित लोगों के साथ साझा करें।
संत पापा फ्राँसिस का संदेश
कार्डिनल टागले ने अंत में संत पापा फ्राँसिस के आशीर्वाद और प्रार्थनाओं को व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आशा व्यक्त की थी कि "कांग्रेस के प्रतिभागी, स्वर्गीय भोजन से प्राप्त सार्वभौमिक उपहारों के बारे में पूरी तरह से जानते हैं, उन्हें दूसरों को प्रदान कर सकते हैं।"
संत पापा के दूत ने पल्ली पुरोहित के रूप में अपने समय की एक कहानी सुनाकर समापन किया और उन्होंने कहा कि यह दैनिक जीवन में यूखरिस्त को जीने की आवश्यकता को दर्शाता है।
यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसकी असाधारण भक्ति के कारण वह हर अवसर पर और हर समय गिरजाघर में उपस्थित रहती थी। लेकिन जब उन्होंने उसके समर्पण के लिए उसे धन्यवाद दिया और उसे सेवा करने की अनुमति देने के लिए अपने परिवार को धन्यवाद देने के लिए कहा, तो उसने कहा कि उसकी निरंतर उपस्थिति इस तथ्य से उत्पन्न हुई थी कि वह अपने परिवार से दूर रहना चाहती थी।
उन्होंने कहा, "जब पुरोहित या उपयाजक कहते हैं,कि 'पवित्र मिस्सा समाप्त हो गया है। मसीह की शांति में जायें,' तो कृपया जायें! आपने जो सुना है, छुआ है और चखा है, उसे आपको दूसरों के साथ साझा करना चाहिए।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here