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संत पौलुस की कब्र

यह सर्वसम्मति और निर्विवाद परंपरा है कि ओस्तिया के मार्ग में बना महागिरजाघर संत पौलुस के पार्थिव अवशेषों पर किया गया था, इसकी पुष्टि हाल ही में हुए वैज्ञानिक शोध में भी की गई है। हम वाटिकन समाचार के संपादकीय निर्देशक, आन्द्रेया तोरनेल्ली के संग गैर-यहूदयों के प्रेरित की कब्र के इतिहास की समीक्षा करते हैं।

संत पौलुसः सतानेवाला प्रेरित और शहीद बना

संत पेत्रुस के अलावे संत पौलुस भी रोम के संरक्षण संत हैं,  जो प्रथम ख्रीस्तीयों को बहुत प्रताड़ित करते थे,  अपने मनपरिवर्तन के उपरांत वे सुसमाचार के एक अद्वितीय प्रेरित बन गये। गैर-यहूदियों के प्रेरित, संत पौलुस की मृत्यु सम्राट नीरो के धर्म सतावटों के दौरान सन् 67 ई. को रोम में सिर कलम किये जाने से हुई। शहादत के बाद उन्हें रोम के एक शाही परिवार ने ओस्तिया के मार्ग में दफनाया। उनकी कब्र पर सम्राट कोंस्ततिनोपल ने प्रथम महागिरजाघर का निर्माण कराया, जिसका बाद में विस्तार हुआ। सन् 1823 ई. में महागिरजाघर एक भंयकर आग में पूरी तरह नष्ट हो गया, पुननिर्माण के दौरान एक अति प्राचीन संगमरमर का तख्ता मिला, जिसमें लिखा था, पॉलो अपोस्तलो मार्त, अर्थात शहीद। संगमरमर के तख्ते में तीन छिद्र हैं, जिनका उपयोग कपड़ों के टुकड़ों, रुमालों को नीचे उतारने के लिए किया जाता था, जिससे निशानियों से उनका स्पर्श हो सके। सन् 2006 में शोधकर्ताओं ने पत्थर की बनी हुई कब्र को प्रकाश में लाया, और 2009 में संत पापा बेनेदिक्त 16वें ने संत पौलुस वर्ष के समापन में, एक व्यक्ति के हड्डियों के टुकड़ों को पाये जाने की घोषणा की, जो प्रथम और द्ववितीय सदियों में जीवित था, संत पापा बेनेदिक्त 16वें ने सर्वसम्मति और निर्वादित रुप से इस बात की पुष्टि की, कि वे अवशेष प्रेरित संत पौलुस के हैं।

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05 July 2024, 14:18