वेनेजुएला में संवाद, सह-अस्तित्व' का वाटिकन ने किया आह्वान
वाटिकन सिटी
वेनेजुएला, शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वेनेज़ुएला में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों के बाद विरोध प्रदर्शनों में लगभग 20 लोग मारे जाने की ख़बरों की पृष्ठभूमि में परमधर्मपीठ ने वेनेजुएला के सभी राजनीतिक दलों से बातचीत और "शांतिपूर्ण व्यवहार" अपनाने का आग्रह किया है।
हिंसा में 20 मरे
रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही वेनेजुएला के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार का कहना है कि मतदाताओं ने मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को तीसरी बार सत्ता सौंपी है।
ह्यूमन राइट्स वॉच मानवाधिकार संगठन के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प जारी रहने के कारण, विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं।
अमरीकी राज्यों के संगठन (ओएएस) में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक ने मंगलवार को चुनावी पारदर्शिता के लिए वेनेजुएला के धर्माध्यक्षों के आह्वान के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष हुआन अन्तोनियो क्रूज़ सेरानो ने कहा कि परमधर्मपीठ "वेनेजुएला के लोगों के लोकतांत्रिक आह्वान का समर्थन करती है, जो चुनावी प्रक्रिया में सभी वेनेजुएला के लोगों की व्यापक, सक्रिय और नागरिक भागीदारी में प्रदर्शित होता है।"
संवाद और सम्मान का आह्वान
महाधर्माध्यक्ष क्रूज़ सेरानो बुधवार को वाशिंगटन में आयोजित अमरीकी राज्यों के संगठन (ओएएस) की स्थायी समिति के विशिष्ट सत्र में राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।
ग़ौरतलब है कि बैठक में, (ओएएस) के सदस्य देश वेनेजुएला सरकार से चुनाव परिणामों के बारे में पारदर्शी होने का आह्वान करने वाला प्रस्ताव पारित करने में विफल रहे। प्रस्ताव को पारित करने के लिए 18 मतों की आवश्यकता थी, लेकिन केवल 17 राज्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया और 11 अन्य ने मतदान में भाग नहीं लिया।
महाधर्माध्यक्ष क्रूज़ ने कहा कि ओएएस में परमधर्मपीठ का प्रतिनिधिमंडल "प्रस्तावित प्रस्ताव को न अपनाए जाने की बात स्वीकार करता है"। "इसके अलावा," उन्होंने कहा, परमधर्मपीठ "का मानना है कि विभिन्न पदों और शिकायतों की अभिव्यक्ति "अब तक प्रचलित शांतिपूर्ण दृष्टिकोण, सम्मान और सहिष्णुता के साथ" की जानी चाहिए।
महाधर्माध्यक्ष क्रूज़ ने हिंसा पर काबू पाने के लिए परस्पर संवाद की पैरवी की, ताकि देश में शांति स्थापित हो सके।
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