मानवीय कमज़ोरियों के बीच मेदजूगोर भलाई का भण्डार
वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो):वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल विक्टर मानुएल फेरनानडेज़ ने बोस्नियाई शहर मेदजुगोर में हुए आध्यात्मिक अनुभव पर "शांति की रानी" दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा कि उक्त तीर्थस्थल पर संत पापा फ्राँसिस की स्वीकृति इसकी अलौकिक प्रकृति के मूल्यांकन पर नहीं बल्कि इसकी प्रेरितिक वास्तविकता पर आधारित है।
सुन्दर अनुभव
गुरुवार को वाटिकन के परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस सम्मेलन में कार्डिनल फेरनानडेज़ ने कहा कि मेदजूगोर में कई लोगों ने अदभुत, सुन्दर एवं आध्यात्मिक अनुभव पाया है और इस आधार पर माँ मरियम पर प्रकाशित पुस्तक द क्वीन ऑफ पीस एक बहुमूल्य पाठ है। अस्तु, उन्होंने कहा कि भले ही "इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि दर्शन देनेवाली पवित्र कुँवारी मरियम ही हैं"; तथापि तीन सबसे हाल के सन्त पापाओं द्वारा मेदजुगोर में "व्यापक भक्ति" के प्रति दिखाए गए "महान सम्मान" का ख्याल कर इसके सन्देश को ग्रहण किया जाना चाहिये।
कार्डिनल महोदय ने कहा कि मेदजूगोर तीर्थ पर हुए आध्यात्मिक अनुभवों के इर्द-गिर्द उत्पन्न असंख्य उदारता एवं दान-कार्य, अनेक धर्मांतरण और पाप-स्वीकार के अच्छे फलों के साथ साथ मानवीय कमजोरियाँ और आंतरिक "समस्याएँ" भी शामिल हैं।
कार्डिनल फर्नांडीज ने पत्रकारों से खचाखच भरे परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय में "शांति की रानी" पाठ प्रस्तुत करते हुए उक्त तीर्थ के इतिहास एवं वर्तमान घटनाओं पर प्रकाश डाला और यहां तक कि कुछ व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए।
प्रतिवर्ष मेदजूगोर की तीर्थयात्रा करनेवाले हज़ारों लाखों तीर्थयात्रियों के सन्दर्भ में कार्डिनल महोदय ने कहा कि "मानवीय अपूर्णताओं के बीच भी, ईश्वर ने अपनी रहस्यमयी योजना में अच्छाई और सुंदरता की नदी बहाने का तरीका ढूंढ लिया है।"
समस्याएं
कार्डिनल ने महत्वपूर्ण "समस्याओं" को याद किया जो विश्व में "एक छोटे प्रतिशत (5 या 6 धर्मप्रांतों) में" उत्पन्न हुई हैं और जो मेदजुगोर में "केवल सकारात्मक प्रभावों की बात करते हुए" चुनौतियां प्रस्तुत करती हैं।
उन्होंने विद्रोही फ्रांसिस्कन धर्मसमाजियों और धर्माध्यक्षों के बीच लंबे समय से चले आ रहे "संघर्ष" से चिह्नित "सबसे अंधकारमय और दुखद बिंदु" का संकेत दिया और, बहुत स्पष्टता के साथ, फादर टोमिस्लाव व्लासिक के इर्द-गिर्द विवाद का भी उल्लेख किया, जिन्हें दर्शन प्राप्त करनेवाले छः युवाओं के 'आध्यात्मिक पिता' के रूप में जाना जाता है तथा जिन्हें विभिन्न अपराधों के लिए 2009 में पुरोहित पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
सन्त पापा फ्रांसिस द्वारा मेदजूगोर के तीर्थ पर मरियम भक्ति को "नुल्ला ओस्ता" यानि कोई बाधा नहीं पत्र दिये जाने पर कार्डिनल महोदय ने कहा कि सन्त पापा का कोई बाधा नहीं पत्र "बिल्कुल पर्याप्त" है और इसकी "अलौकिक प्रकृति पर घोषणा के साथ आगे जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।" दूसरे शब्दों में, उन्होंने कहा, "श्रद्धालुओं से यह कहना पर्याप्त है कि आप वहां प्रार्थना कर सकते हैं, सार्वजनिक रूप से आराधना-अर्चना कर सकते हैं, तीर्थयात्राएं की जा सकती हैं, और इन संदेशों को बिना किसी खतरे के पढ़ा जा सकता है।"
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