धर्मसभा के नेताओं ने आगामी अक्टूबर की आमसभा का विवरण प्रस्तुत किया
तित्सियाना कम्पीसी और साल्वातोरे चेर्नुत्सियो
वाटिकन सिटी, मंगलवार,17 सितम्बर 2024 (रेई) : धर्मसभा प्रार्थना का समय है, "यह एक सम्मेलन नहीं है," बल्कि एक "कलीसियाई धर्मसभा है जो प्रार्थना करती है", यह ईश्वर के वचन और आत्मा को सुनने का समय तथा कलीसिया के पापों के लिए ईश्वर से क्षमा मांगने का अवसर है। धर्मसभा के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच ने सोमवार 16 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की सोलहवीं साधारण आमसभा के दूसरे सत्र को प्रस्तुत किया, जो 2 से 27 अक्टूबर तक रोम में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि संत पापा फ्राँसिस ने 9 अक्टूबर, 2021 को धर्मसभा पथ के उद्घाटन पर इस बात पर जोर दिया था कि "धर्मसभा का मुख्य नायक पवित्र आत्मा है।"
संचार विभाग के प्रीफेक्ट और धर्मसभा के सूचना आयोग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने वाटिकन प्रेस कार्यालय में धर्मसभा की बैठक में प्रस्तुत योगदानों का परिचय दिया।
आध्यात्मिक साधना और प्रायश्चित जागरण
कार्डिनल ग्रेच ने बताया कि पहले सत्र की तरह, सिनॉडालिटी पर धर्मसभा के इस दूसरे और अंतिम सत्र से पहले 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को वाटिकन में दो दिनों की आध्यात्मिक साधना होगी, जिसका मार्गदर्शन डोमिनिकन फा. तिमोथी रेडक्लिफ और बेनेडिक्टिन मदर इग्नासिया एंजेलिनी करेंगे। वे धर्मसभा के दौरान कैमलदोली के फा. मात्तेओ फेरारी, जो धर्मविधि के लिए जिम्मेदार होंगे; और साथ ही कैमलदोली के मटवासीयों के साथ मिलकर प्रार्थना का नेतृत्व करेंगे।
इस वर्ष नया कार्यक्रम साधना के बाद पश्चातापी जागरण होगा, जो मंगलवार,1 अक्टूबर की शाम संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित किया जाएगा तथा जिसकी अध्यक्षता संत पापा फ्राँसिस करेंगे। कार्डिनल होलेरिक बताया कि धर्मसभा के महासचिव और रोम धर्मप्रांत द्वारा यूनियन ऑफ मेजर सुपीरियर्स (यूएसजी) और विश्व के धर्मसंघों की परमाधिकारिणीयों का संघ (यूआईएसजी) के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का प्रसारण वाटिकन मीडिया द्वारा किया जाएगा और यह सभी के लिए खुला होगा, विशेष रूप से युवा लोगों के लिए, "क्योंकि कलीसिया का संदेश उन्हें सौंपा गया है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "युवा लोग हमारे पापों तथा कलीसिया के भीतर के पापों के कारण पीड़ित हैं।" इस समारोह में तीन व्यक्तियों की गवाही होगी, जिन्होंने दुर्व्यवहार, युद्ध तथा बढ़ते प्रवास संकट के प्रति उदासीनता के पापों का अनुभव किया है। ग्रेच ने जोर देते हुए कहा कि इसके बाद विशिष्ट पापों की स्वीकारोक्ति होगी, ताकि "हम स्वयं को उन लोगों में से एक के रूप में पहचान सकें, जो चूक या कार्य के माध्यम से, निर्दोष तथा असहाय लोगों द्वारा सहन की गई पीड़ा तथा नुकसान के लिए जिम्मेदार बन जाते हैं।"
खास तौर पर शांति, सृष्टि, आदिवासी लोगों, प्रवासियों, महिलाओं, परिवार, युवाओं के खिलाफ पाप; दूसरों के खिलाफ सिद्धांत को पत्थर की तरह इस्तेमाल करने का पाप, गरीबी और धर्मसभा के खिलाफ पाप (जैसे कि सुनने में विफलता, या सभी की भागीदारी या सहभागिता से समझौता करने वाले पाप) को स्वीकार किया जाएगा। संत पापा सभी विश्वासियों की ओर से ईश्वर और समस्त मानवता से क्षमा मांगते हुए समापन करेंगे।
ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सभा
वाटिकन स्थित प्रोटोमार्तियर्स स्क्वायर में 11 अक्टूबर की शाम एक ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सभा भी आयोजित की जाएगी, जहाँ परंपरा के अनुसार प्रेरित संत पेत्रुस शहीद हुए थे। यह तिथि द्वितीय वाटिकन परिषद के उद्घाटन की 62वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। अंत में, 21 अक्टूबर को, अंतिम दस्तावेज़ के मसौदे पर विचार-विमर्श की तैयारी के लिए आध्यात्मिक साधना का एक और दिन होगा। जैसा कि कार्डिनल ग्रेच ने कहा, "व्यक्तिगत प्रार्थना, संवाद और आपस में सुनने और प्रेम में भ्रातृत्वपूर्ण सहभागिता के बीच एक बदलाव होगा।"
चार मंच सभी के लिए खुला
एक और नई विशेषता चार ईशशास्त्रीय प्रेरितिक मंच होंगे, जो मान्यता प्राप्त पत्रकारों सहित सभी के लिए खुले होंगे। 9 अक्टूबर को दो मंच आयोजित किए जाएंगे, एक जेसुइट कुरिया हॉल में "ईश्वर के लोग, मिशन के विषय" पर आधारित, और दूसरा ऑगस्टिनियनम में "धर्मसभा कलीसिया में धर्माध्यक्ष की भूमिका और अधिकार" पर। शेष दो मंच 16 अक्टूबर को आयोजित किए जाएंगे जिसमें जेसुइट कुरिया हॉल में "स्थानीय और सार्वभौमिक कलीसिया के बीच पारस्परिक संबंध" और ऑगस्टिनियनम में "प्राथमिकता का अभ्यास और धर्माध्यक्षों की धर्मसभा" विषय पर चर्चा होगी। इन मंचों में ईशशास्त्री, कलीसियाई कानून विशेषज्ञ, धर्माध्यक्ष और अन्य लोग शामिल होंगे, जिन्हें संवाद का अवसर मिलेगा। मंच ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा।
धर्मसभा की संख्या
कार्डिनल होलेरिक ने बताया कि इस दूसरे सत्र में प्रतिभागियों की संख्या पहले सत्र के समान ही है, जिसमें 368 मतदान सदस्य हैं, जिनमें से 272 धर्माध्यक्ष और 96 जो धर्माध्यक्ष नहीं हैं। इसमें 26 बदलाव हुए हैं, जिनमें मुख्य रूप से प्रतिस्थापन शामिल हैं। इनमें 8 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं, जबकि भाईचारे के प्रतिनिधियों की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो गई है, जो धर्मसभा की यात्रा में काथलिक कलीसिया और पूर्वी रीति की कलीसियाओं की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। उन्होंने चीन से दो धर्माध्यक्षों की उपस्थिति की भी पुष्टि की।
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