सिनॉड प्रेस ब्रीफिंग सिनॉड प्रेस ब्रीफिंग 

सिनॉड ब्रीफिंग – 10वाँ दिन : धर्मसभा निर्णय लेने पर केंद्रित

सप्ताहांत में, सिनॉडालिटी पर धर्मसभा की महासभा निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी, तथा पारदर्शिता, जवाबदेही और मूल्यांकन की आवश्यकता पर प्रकाश डालेगी।

वाटिकन न्यूज

पिछले कुछ दिनों तक धर्मसभा का कार्य इंस्त्रुमेंतुम लेबोरिस के मार्ग अनुभाग पर केंद्रित रहा है, जिसमें विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दिया गया है कि कलीसिया के धर्मगुरू किस प्रकार निर्णय लेते हैं और उन्हें क्रियान्वित करते हैं।

सोमवार को दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, धर्मसभा के सूचना आयोग की सचिव डॉ. शेइला पीरेस ने विभिन्न संदर्भों में कलीसिया के अनुभवों को सुनने के महत्व पर जोर दिया, तथा उन समस्याओं पर ध्यान दिया जो कभी-कभी ख्रीस्तीय परंपराओं और स्थानीय प्रथाओं एवं कानूनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में उत्पन्न होती हैं।

उन्होंने कहा कि अंतर्दृष्टि और सुझाव उन लोगों से आए हैं जो पहले से ही विविध मौजूदा वास्तविकताओं का अनुभव कर रहे हैं। डॉ. पीरेस ने पिछले कुछ दिनों के प्रमुख विषयों पर ध्यान दिया, जिनमें काथलिक स्कूलों में बच्चों का महत्व और शिक्षा एवं प्रचार में स्कूलों की भूमिका शामिल है। एक अन्य महत्वपूर्ण विषय दुर्व्यवहार का प्रश्न था, विशेष रूप से धर्मबहनों द्वारा सहे जानेवाले दुर्व्यवहार का, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने इस मुद्दे के समाधान के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

एक बार फिर, कलीसिया में महिलाओं की भूमिका चर्चा की एक महत्वपूर्ण विषय रही, जिसमें सेमिनरी प्रशिक्षण में महिलाओं की बड़ी भूमिका की आवश्यकता भी शामिल थी।

सूचना आयोग के अध्यक्ष डॉ. पाओलो रूफिनी ने अपनी ओर से, कलीसिया के भीतर निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं और लोकधर्मियों को शामिल करने की आवश्यकता पर चर्चा को रेखांकित किया।

उन्होंने जवाबदेही से जुड़े मुद्दों पर भी बात की, जिसमें कलीसिया के संदर्भ में इसका क्या अर्थ है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है, आदि शामिल थे।

उन्होंने जवाबदेही से जुड़े मुद्दों पर भी बात की, जिसमें कलीसिया के संदर्भ में इसका क्या मतलब है और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है, शामिल है। पिछले कुछ दिनों में कई हस्तक्षेपों में उल्लेखित अन्य विषयों में पहले से मौजूद धर्मसभा की वास्तविकताओं को बढ़ाने की आवश्यकता, उन कलीसियाओं से सीखना जो पहले से ही विभिन्न निर्णयों में सिनॉडालिटी का पालन करते हैं; और निकटता, गतिशील संबंधों और निर्णय लेने में पूरी कलीसिया के लोगों को एक साथ लेकर किसी भी तरह के याजकवाद का विरोध करने की आवश्यकता शामिल है।

सिस्टर ग्लोरिया लिलियाना फ्रेंको इकेवेरी, ओ.डी.एन.

सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिथियों में लैटिन अमेरिकी धर्मसंघी परिसंघ (सी.एल.ए.आर.) की अध्यक्ष और धर्मसभा प्रक्रिया की गवाह सिस्टर ग्लोरिया लिलियाना फ्रेंको इकेवेरी, ओ.डी.एन., भी शामिल थीं।

अपने आरंभिक वक्तव्य में, सिस्टर लिलियाना ने कहा कि सभा के विचार “हमारे सामने येसु के कार्य”, सुसमाचारी मूल्य और शैली को रखते हैं जो धर्मसभा में व्याप्त होनी चाहिए।

उन्होंने प्रतिबद्ध साक्ष्य के आधार पर सार्थक गठन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, और दूसरों के साथ इस तरह से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो “हमें येसु की शैली को अपनाने की अनुमति देता है।”

सिस्टर लिलियाना ने आत्मपरख के बारे में भी बात की, जो यह निर्धारित करने की संभावना प्रदान करता है कि पवित्र आत्मा कलीसिया से क्या माँग रहा है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों तरह से आत्मपरख, हमें यात्रा और मिशन के बारे में निश्चितता के लिए हमारी विविधता में एक साथ देखने में मदद करता है। इस उद्देश्य के लिए, उन्होंने पूरी कलीसिया में सहभागी संरचनाओं के महत्व पर जोर दिया।

अंततः सिस्टर लिलियाना ने सोमवार की सुबह की चर्चा पर ध्यान दिया, जो मुख्यतः पारदर्शिता और संस्कृति की अवधारणाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, न कि उपकरण के रूप में, बल्कि एक संस्कृति के रूप में "जो कलीसिया में मौजूद होनी चाहिए" और जिसे कलीसिया की पद्धतियों और पहचान में व्याप्त होना चाहिए।

रवांडा के सिआंगुगु के धर्माध्यक्ष एडवर्ड सिनायोबे ने अगले भाषण में तीस साल पहले अपने देश में हुए नरसंहार की भयावहता के बाद अपने देश की स्थिति के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि धर्मसभा का काम, प्रेरितों के पेंतेकोस्त के समय ऊपरी कमरे में रहने और अनुभव करने के समान है, जहाँ उन्हें पवित्र आत्मा के वरदान मिले थे।

रवांडा की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने एकता के उद्देश्य से मेल-मिलाप की प्रक्रिया पर टिप्पणी की जो नरसंहार के लगभग तीन दशक बाद भी जारी है। उन्होंने कहा कि कलीसिया लोगों को ठीक करने के लिए प्रेरितिक स्तर पर, पीड़ितों और अपराधियों दोनों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि धर्मसभा "एक ऐसी चीज है जिसे हम एकता और मेल-मिलाप को मजबूत करने के अवसर के रूप में जी रहे हैं," एक जीवित शिक्षा जो रवांडा के लोगों को यह समझने में मदद कर सकती है कि आगे की यात्रा भाईचारे और आध्यात्मिक जीवन शैली पर आधारित हो।

उन्होंने कहा कि धर्मसभा का अनुभव एक अवसर है, जिसमें विभिन्न दृष्टिकोणों को गहन बनाने का प्रयास किया जाता है, जिसका उद्देश्य एकता की भावना से जीने में मदद करके एकता का निर्माण करना है।

धर्माध्यक्ष सिनायोबे ने भागीदारी और सुनने के महत्व तथा मिशनरियों के सुसमाचार प्रचार की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

महाधर्माध्यक्ष ज़बिगनेव्स स्टैंकेविक्स

अंत में, रीगा के महाधर्माध्यक्ष, ज़बिगनेव्स स्टैंकेविक्स ने संवाददाताओं को बताया कि धर्मसभा "कलीसिया में प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति को शामिल करने की मेरी दिल की गहरी इच्छा" का जवाब देती है, ताकि उन्हें "पूरी दुनिया में ईश्वर के राज्य का विस्तार करने" के लिए मिशनरी प्रचारक बनाया जा सके।

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि जब उन्हें पहली बार धर्माध्यक्ष बनाया गया, तो उन्होंने आध्यात्मिक पुनर्जन्म को बढ़ावा देने के अपने “रणनीतिक लक्ष्यों” के बारे में बताया था, जिसमें सभी काथलिक, सभी ख्रीस्तीय, सभी अच्छे इरादों वाले पुरुष और महिलाएँ शामिल थे। और उन्होंने अपनी “गहरी आस्था” व्यक्त की कि धर्मसभा का लक्ष्य “हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति के करिश्मे को मुक्त करना” होना चाहिए।

लातविया के महाधर्माध्यक्ष के अनुसार, यह लक्ष्य कलीसिया के भीतर सह-जिम्मेदारी और विकेन्द्रीकरण की धारणाओं से संबंधित है - लेकिन यह धर्मनिरपेक्ष या लोकतांत्रिक तरीके के बजाय कलीसियाई और आध्यात्मिक सहभागिता की अभिव्यक्ति के रूप में भी है।

महाधर्माध्यक्ष सैन्केविक्स ने इंस्ट्रुमेंटम लेबोरिस के पैराग्राफ 58 पर प्रकाश डाला, जो गौदियुम एत स्पेस को संदर्भित करता है और ईश्वर की उपस्थिति एवं डिजाइनों की सच्ची समझ पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने कहा कि धर्मसभा का अंतिम लक्ष्य मिशन है, कलीसिया को "चलते-फिरते" और भी अधिक मिशनरी बनाना है। उन्होंने कॉन्प्रेंस के अंत में कहा कि धर्मसभा को दुनियाभर में विभिन्न कलीसियाई प्रयासों को देखकर यह समझना चाहिए कि स्थानीय समुदायों में अच्छे फल कहाँ मिलते हैं और उनसे सीखना चाहिए।

मंगलवार सुबह महासभा तीसरे मॉड्यूल, “स्थान” पर काम शुरू करेगी।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

15 October 2024, 16:21