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विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की 16 वीं आम सभा का दूसरा सत्र विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की 16 वीं आम सभा का दूसरा सत्र  (ANSA)

धर्मसभा ब्रीफिंग - दिन 13: प्रवासियों की बात सुनें

वाटिकन प्रेस कार्यालय ने गुरुवार को वाटिकन में जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के 13 वें दिन का विवरण प्रस्तुत किया। प्रेस ब्रीफिंग में कहा गया कि इस दिन आप्रवासियों के प्रश्न पर विशद विचार विमर्श हुआ तथा मानवीय गतिशीलता के मद्देनज़र प्रेरितिक देखभाल हेतु प्रतिबद्ध कलीसियाओं के काम की प्रशंसा की गई।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन प्रेस कार्यालय ने गुरुवार को वाटिकन में जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के 13 वें दिन का विवरण प्रस्तुत किया। प्रेस ब्रीफिंग में कहा गया कि इस दिन आप्रवासियों के प्रश्न पर विशद विचार विमर्श हुआ तथा मानवीय गतिशीलता के मद्देनज़र प्रेरितिक देखभाल हेतु प्रतिबद्ध कलीसियाओं के काम की प्रशंसा की गई।

धर्मसभा के प्रातःकालीन सत्र के दौरान, आप्रवासियों की आवाज सुनने के लिए "भूमध्यसागरीय कलीसियाई सभा" का विचार प्रस्तावित किया गया। इसी दिन युवाओं और विकलांग लोगों पर भी ध्यान दिया गया तथा परमधर्मपीठीय कार्यालयों और स्थानीय कलीसियाई समुदायों के बीच मजबूत संबंधों का आह्वान किया गया। बताया गया कि शुक्रवार के दिन कार्डिनल होलेरिख और ग्रेख, सि. सालाजार और धर्माध्यक्ष फ्लोरेस विश्वविद्यालयीन छात्रों से मुलाकात कर सभा के विषयों पर चर्चा करेंगे।

विकलांगता, अंतर-धार्मिक संवाद

13 वें दिन की धर्मसभा में 346 लोग उपस्थित थे। काथलिक पल्लियों की भूमिका तथा युवाओं एवं अलग तरीके से सक्षम लोगों की प्रेरिताई पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। काथलिक स्कूलों में अध्ययनरत विभिन्न धर्मों के छात्रों तथा काथलिक छात्रों के बीच सम्वाद पर भी बल दिया गया।    

रोम और स्थानीय कलीसियाएँ

वाटिकन संचार विभाग के प्रीफेक्ट पाओलो रूफिनी ने धर्मसमाजों की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से उन स्थानों में जहाँ लोग प्राथमिक आवश्यकताओं एवं शिक्षा की कमी तथा अन्य संकटों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने विश्व के धर्माध्यक्षों एवं सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा के बीच संबंधों को मज़बूत करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।

भाईचारे को प्रोत्साहन

दुखों की माता मरियम को समर्पित धर्मबहनों की सुपीरियर जनरल सि. सैमुएला मारिया रिगॉन ने धर्मसभा के अनुभव के बारे में बात की और भाईचारे को प्रोत्साहन देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि धर्मसभा में भाग लेने वाले लगभग एक चौथाई लोग लोकधर्मी विश्वासी, युवा लोग और धर्मसंघी लोग हैं, जिनमें से सभी को बोलने का अवसर मिला है।

एशियाई कलीसिया

म्यांमार के महाधर्माध्यक्ष और एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने एशिया में धर्मसभा प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने डिजिटल प्रचार में युवाओं की बढ़ती भागीदारी, पुरोहितों की रचनात्मक पहल और साथ ही पुरोहितों के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर चर्चा की।

संरचनात्मक परिवर्तन की आवश्यकता

क्यूबेक, कनाडा के कार्डिनल जेराल्ड सिप्रियन लाक्रोआ ने कलीसिया को "सुनने" की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, विशेष रूप से उन लोगों की जो अलग हैं। उन्होंने कहा कि केवल हिंसा के माध्यम से समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता, मिशन के अभ्यास में तथा मीडिया और आध्यात्मिक जीवन को गहरा करने में संरचनात्मक परिवर्तनों की आवश्यकता है।

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18 October 2024, 10:41