सिनॉड ब्रीफिंग – 11वाँ दिन : विकलांगता, महिलाओं और जलवायु संकट पर ध्यान केंद्रित
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 (रेई) : 15 अक्टूबर को वाटिकन के पॉल षष्ठम सभागार में आयोजित मंगलवार सुबह के धर्मसभा सत्र की शुरुआत ब्राजील के कवि जोस कार्लोस दी सूसा को याद करने के साथ हुई, जो एक बेघर व्यक्ति थे, जो संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण स्थित स्तंभों के नीचे रहते थे और जिनका निधन अगस्त में हो गया। मंगलवार को वाटिकन के भिक्षादान विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल कोनराड क्राएस्की और ब्राजील के कार्डिनल लियोनार्दो स्टीनर ने वाटिकन के संत मोनिका गिरजाघर में उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न किया।
वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष और धर्मसभा के सूचना आयोग के अध्यक्ष डॉ. पाओलो रूफिनी ने वाटिकन प्रेस कार्यालय में धर्मसभा की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह समाचार साझा किया।
उन्होंने याद किया कि कैसे अतीत में कार्डिनल क्राएस्की के विभाग ने एक बेघर व्यक्ति की सहायता की थी और कैसे वे पर्यटकों से पैसे मांगने के लिए नहीं, बल्कि कभी-कभी नोटबुक मांगने के लिए जाने जाते थे, जिसमें वे अपनी कविताएँ लिख सकें।
इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि मंगलवार शाम 6:30 बजे, मात्तेओ गैरोन द्वारा निर्देशित फिल्म इयो कपितानो (मैं कैप्टन) को न्यू सिनॉड हॉल में दिखाया जाएगा, जिसमें कुछ कलाकार भी मौजूद रहेंगे। यह स्क्रीनिंग संस्कृति और शिक्षा विभाग की एक पहल है।
डॉ. रूफिनी ने आगे बताया कि सोमवार दोपहर और मंगलवार को छोटे कार्य समूहों के काम में 347 प्रतिभागी उपस्थित थे।
मुलाकात के स्थान के रूप में संबंधों के स्थान
इस बीच, धर्मसभा के सूचना आयोग की सचिव शेइला पीरेस ने सुबह की प्रार्थना और ध्यान के मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया, जिसका नेतृत्व बेनेडिक्टाईन सिस्टर मरिया इग्नासिया अंजेलिनी और कार्डिनल होलरिक ने किया।
डॉ. पीरेस ने याद दिलाया कि सिस्टर एंजेलिनी का ध्यान कलीसिया की "कलीसियाई जड़ों" पर केंद्रित था, जिसमें उन्होंने इस बात पर बल दिया कि "कलीसिया को एक ठोस संदर्भ में खुद को अवतरित करना" और सुसमाचार की गतिशीलता पर चिंतन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानवीय संपर्क के स्थान सुसमाचार को जीने और घोषित करने के अवसर प्रदान करते हैं।
गतिशील दृष्टि
अपनी रिपोर्ट में, कार्डिनल होलरिक ने “स्थानों” को समर्पित इंस्ट्रुमेंतुम लेबोरिस के भाग 3 के महत्व को रेखांकित किया।
जैसा कि डॉ. पीरेस ने उल्लेख किया, चर्चा मिशन संदर्भों, विशेष रूप से शहरों और महानगरों पर केंद्रित थी, एक गतिशील, अस्थिर, दृष्टि के भीतर जो प्रवासन पर भी विचार करती है।
एक साथ चलनेवाले क्षेत्रों और कलीसिया की एकता को आकार देनेवाले बंधनों पर विचार करते हुए, कार्डिनल होलरिक ने प्रतिनिधियों को वास्तविक जीवन के संदर्भों पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया, अमूर्त सार्वभौमिकता के खिलाफ चेतावनी दी।
कार्डिनल ने यह भी कहा कि कलीसिया को किसी स्थान और संस्कृति के बिना नहीं समझा जा सकता है, अतः उन्होंने स्थानों और संस्कृतियों के परस्पर संबंध पर प्रकाश डाला।
आगे की ओर देखना : यात्रा जारी रखना
अपोस्तोलिक कार्मेल की धर्मबहनों की सुपीरियर जनरल सिस्टर निर्मला अलेक्स मरिया नाजरेथ ने धर्मसभा को एक “अद्वितीय अनुभव” बताया, जो दुनियाभर की कलीसिया के प्रतिनिधियों के साथ जुड़ने का एक अवसर है।
उन्होंने नामित-कार्डिनल तिमोथी रेडक्लिफ और सिस्टर मरिया इग्नासिया अंजेलिनी के चिंतन को "प्रेरणादायक" बताया।
आगे की ओर देखते हुए, सिस्टर निर्मला ने घर लौटने पर स्थानीय कलीसियाओं से जुड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया, लेकिन सुझाव दिया कि उन्हें आशा की भावना महसूस होती है, उन्होंने कहा कि धर्मसभा की यात्रा शुरू करने के बाद, हम पीछे नहीं मुड़ सकते, बल्कि केवल आगे बढ़ सकते हैं।
एक कलीसिया जो स्थान और संस्कृति में निहित है
ब्राजील के मनौस के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल स्टीनर भी मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में वक्ताओं में शामिल थे।
उन्होंने धर्मसभा से उभरनेवाले नए रास्तों पर प्रकाश डाला, विशेषकर, धर्मसभा के व्यावहारिक अर्थ को कैसे दर्शाया जाए।
कार्डिनल ने कहा कि ब्राजील में, यह प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, जिसमें कई महिलाएँ और स्थायी उपयाजक सक्रिय रूप से अमाजोन में समुदायों का नेतृत्व कर रहे हैं। ब्राजील के कार्डिनल ने कहा, "हम जो यहाँ जी रहे हैं, वह हमें हमारे स्थानीय कलीसिया में धर्मसभा को और भी बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतर-सांस्कृतिकता और अंतर-धार्मिकता एक कलीसिया के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसे अपने पर्यावरण में निहित होना चाहिए।
ब्राजील की कलीसिया में महिलाओं की भूमिका
मनौस का विशाल महाधर्मप्रांत, जो 90,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, कार्डिनल स्टीनर ने कहा कि पुरोहितों की अनुपस्थिति में 100 से अधिक वर्षों से महिलाएँ महत्वपूर्ण रही हैं।
उन्होंने देखा कि कई महिलाएँ समुदायों का नेतृत्व करती हैं, प्रेरितिक सेवा देती हैं, तथा उदार कार्य और जेल प्रेरिताई से गहराई से जुड़ी हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाएँ कलीसिया के एक आवश्यक तत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं, और कहा कि उनके बिना, कलीसिया वैसी नहीं होगी।
महिला उपयाजक के विवादित विषय के बारे में, कार्डिनल स्टीनर ने स्वीकार किया कि दूरदराज के समुदायों में कई महिलाएँ पहले से ही वास्तविक उपयाजक के रूप में काम कर रही हैं।
उन्होंने उनके काम की प्रशंसा की और सुझाव दिया कि महिला उपयाजक पद को पुनर्जीवित करना इसकी ऐतिहासिक मिसाल के अनुरूप हो सकता है। उन्होंने पूछा, "महिला उपयाजक पद को बहाल क्यों न किया जाए?" उन्होंने कहा कि यह भूमिका पुरुष उपयाजकों की भूमिका को पूरक बना सकती है। उन्होंने कहा कि मुद्दा लिंग के बारे में नहीं बल्कि बुलाहट के बारे में है।
ब्राजील में पर्यावरण संकट
धर्मसभा के प्रतिभागियों ने ब्राजील में पर्यावरण आपातकाल पर भी चर्चा की, खास तौर पर, अमेजन में, जहाँ एक महीने तक सूखे के कारण नदियाँ नौगम्य नहीं रह गई हैं, जिससे कई समुदाय अलग-थलग पड़ गए हैं।
कार्डिनल स्टीनर ने स्थिति को भयावह बताया, जहाँ पानी की कमी अमेजन से परे के क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने क्षेत्र के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर मछली पकड़नेवाले लुटेरे और पारा प्रदूषण के प्रभावों पर शोक व्यक्त किया।
हालाँकि धर्मसभा पर्यावरण के मुद्दों पर स्पष्ट रूप से बात नहीं कर रही है, कार्डिनल स्टीनर ने जोर देकर कहा कि पोप फ्राँसिस के सिनॉड के बाद का प्रेरितिक प्रबोधन क्वेरिदा अमाजोनिया, पर्यावरण को धर्मसभा के अभिन्न अंग के रूप में समझने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, "हम जिस धर्मसभा में भाग ले रहे हैं, वह एक कलीसिया के रूप में हमारे मिशन का हिस्सा है, और हमें धर्मसभा समाप्त होने के बाद भी इस यात्रा को जारी रखना चाहिए।"
पुरोहितों के ब्रह्मचर्य पर प्रश्न
पुरोहितों के ब्रह्मचर्य पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, जो 2019 में पनामा क्षेत्र के लिए विशेष धर्मसभा में सबसे अधिक चर्चा किए गए विषयों में से एक था, ब्राजील के कार्डिनल ने एक हजार समुदायों के लिए केवल 172 पुरोहितों के साथ काम करने की कठिनाई को स्वीकार किया, और समुदाय एवं पुरोहितों के बीच संबंधों को गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इसी मुद्दे पर, तूरिन के महाधर्माध्यक्ष, नामित-कार्डिनल रॉबर्तो रेपोल ने कहा कि पूर्वी कलीसियाओं के धर्माध्यक्षों की उपस्थिति के कारण, धर्मसभा में पहले से ही "सेवा के कई रूप मौजूद हैं।"
सिस्टर निर्मला ने भी इस मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, उन्होंने कहा कि उनके देश (भारत) में कुछ मुद्दों पर अधिक समय की आवश्यकता हो सकती है।
वैश्विक कलीसिया को दर्शाते हुए
नामित-कार्डिनल रेपोल ने अपने धर्मप्रांत के लिए धर्मसभा प्रक्रिया के महत्व के बारे में भी बात की।
प्रतिभागियों की आध्यात्मिक गहराई और उनके बीच बढ़ते सौहार्द की भावना ने उन पर गहरी छाप छोड़ी है।
तूरिन के महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि धर्मसभा किस तरह कलीसिया की विश्वव्यापी प्रकृति को दर्शाती है, जिसमें सुसमाचार का प्रसार करते हुए विविध संस्कृतियों की आवाज़ों को शामिल किया गया है।
पत्रकारों के सवालों का उत्तर देते हुए डॉ. पाओलो रूफिनी ने दिव्यांग लोगों के समावेश विषय पर बात की और स्वीकार किया कि इस विषय पर कुछ दलों में बात उठी और यह सभी के दिलों में है।
उन्होंने कहा, "कम से कम मेरे कार्य समूह में इस पर चर्चा हो रही है, आनेवाले दिनों में हम देखेंगे कि महासभा में इस पर चर्चा होगी या नहीं। निश्चित रूप से यह विषय सभी के दिल के करीब है और इस पर और अधिक काम किया जा सकता है। लेकिन जब हम छोटे बच्चों, हाशिए पर पड़े लोगों के बारे में बात करते हैं, तो हम विकलांग लोगों के बारे में भी बात करते हैं।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here