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धर्माध्यक्ष साइमन फडौल पवित्र आत्मा केमिस्सा में 21 अक्टूबर को धर्माध्यक्ष साइमन फडौल पवित्र आत्मा केमिस्सा में 21 अक्टूबर को  (Vatican Media)

कार्डिनल ग्रेकः पवित्र आत्मा को सुनने का आहृवान

धर्माध्यक्षों की धर्मसभा को अंतिम चरण में दस्तवेज लिखे जाने के पूर्व धर्मसभा के प्रतिभागियों ने पवित्र आत्मा का आहृवान किया।

वाटिकन सिटी

धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के सचिव कार्डिनल मारियो ग्रेक ने संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र आत्मा का मिस्सा बलिदान अर्पित किया।

कार्डिनल मारियो ने मिस्सा बलिदान के दौरान अपने प्रवचन में कहा कि येसु विभाजित नहीं करते बल्कि वे  हमें संगति की तलाश करने के लिए आमंत्रित करते हैं,वे लालच और अधिकार की चाह को विभाजन की जड़ स्वरुप देखते हैं।

कार्डिनल ने कहा कि हम धर्मसभा के अंतिम पड़ाव में अपनी लम्बी यात्रा के फलों को जमा करने हेतु आते हैं। “हम न केवल भौतिक वस्तुओं बल्कि आमसभा की अच्छी और सुन्दर चीजों को संग्रहित करें जिसे येसु ने हमें दिया है वहीं वे हमें लालची होने से सचेत करते हैं।”

एक साथ रहने देना

कार्डिनल ने दैनिक धर्मविधि हेतु लिये गये पाठों पर चिंतन करते हुए कहा “हम अपने हिस्से की चीजों को लेकर जाने की परीक्षा में पड़ जाते हैं लेकिन येसु ऐसा नहीं चाहते हैं, वे उन्हें एक साथ रहने देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि आज का दृष्टान्त हमें दिखाता है, किस तरह अपने आप को तैयार करना चाहिए ताकि हम अपनी धर्मसभा की यात्रा और सभा के फलों को प्राप्त कर सकें, बिना स्वयं को विभाजित किए, बल्कि एकता की खोज करते हुए।

दृष्टांत पर आगे चिंतन करते हुए कार्डिनल ने कहा कि इन तीन सालों में हमें धर्मसभा ने हमें बहुतायत में फलों को प्राप्त किया है। हमारी यात्रा फलदायक रही है जहाँ हमने अपने बीच बहुत से उपहारों को देखा है। पुनर्जीवित प्रभु के शिष्यों के रुप में “हमारी कमजोरियों में ईश्वर ने अपनी शक्ति प्रकट की है।”

सुसमाचार पर चिंतन करते हुए कार्डिनल ग्रेक ने कहा कि फसल की बहुताय में स्वामी अपने से कहता है, “मैं क्या करूँॽ मेरे पास अनाज के भण्डारण हेतु प्रर्याप्त जगह नहीं है।” वह अपने पुराने भण्डार को तोड़कर नया बड़ा भण्डार बनाने की सोचता है। वह अपनी आत्मा से कहता है कि तुम्हारे पास बहुत संपत्ति है, खाओ, पीओ और मौज करो। “वह निवेश करने, अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने, अपनी संपत्ति को फलदायी बनाने के बारे में नहीं सोचता, बल्कि केवल अपनी कमाई से स्वयं के जीवन जीने के बारे में सोचता है। वह अपनी पूर्णता में आनंदित होता है।

ईश्वर के उपहार

कार्डिनल ने कहा कि हम भी उस व्यक्ति की तरह जोखिम उठा सकते हैं, जो हमने इकट्ठा किया है, जो उपहार ईश्वर ने हमें दिये हैं,  उनका निवेश किए बिना, उन्हें ईश्वर से मिले उपहारों के रूप में जीये बिना, हम अपनी कलीसिया और दुनिया में वापस जा सकते हैं। हम अपनी चीजों को दिखावा स्वरुप ले सकते हैं।

ऐसा होने से बचने के लिए हमें येसु ख्रीस्त के वचनों पर ध्यान दें, कार्डिनल मारियो ने कहा। “सावधान रहो और किसी भी प्रकार के लोभ से बचे रहो,  क्योंकि मनुष्य का जीवन उसके पास जो कुछ है उससे सुरक्षित नहीं है, भले ही उसके पास आवश्यकता से अधिक हो।” उन्होंने कहा, “हम लोभ से बचे रहे, मिले धन को हम सिर्फ अपने लिए जमा न रखें।” हम इस प्रलोभन से बचें कि यह हमारा कमाया हुआ धन नहीं है, बल्कि हमने इसे ईश्वर से उपहार स्वरुप पाया है।

पवित्र आत्मा का अनुसरण करें

कार्डिनल ने धर्मसभा के प्रतिभागियों को पवित्र आत्मा के मार्ग का अनुसरण करने का आहृवान किया क्योंकि वे हैं जो हमारे जीवन में नवीनता लाते हैं। “दृष्टांत में व्यक्ति सिर्फ अपनी सुनता और अपने से ही बातें करता है। हमें व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में पवित्र आत्मा से वार्ता करने की आवश्यकता है। हम अपने को उनके द्वारा प्रकाशित होने दें और उनकी निशानी की प्रतीक्षा करें जिसे वे हमारे लिए प्रकट करते हैं।

केवल अपने सुनने की जोखिम

उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि यदि हम केवल अपनी सुनते, अपने में बने रहते तो हम बिना किसी आशा के अपने लिए ही रह जाते हैं।“धीरे-धीरे हमने जो जमा किया है वे सारी चीजें लुप्त हो जायेगी, वहीं यदि हम पवित्र आत्मा को सुनते तो हम नयी राहों को पहचान और खोज पायेंगे।” पवित्र आत्मा को सुनना हमारे लिए धर्मसभा को एक नयी शुरूआत देगा, जिससे “सुसमाचार का प्रचार होगा और ईश्वरीय नाम की महिमा होगी।”

कार्डिनल ने अपने प्रवचन के अंत में मरियम की विचवाई की जिन्हें धर्मसभा के कार्य समर्पित हैं , “अगर हम पवित्र आत्मा की आवाज़ सुनना जानते हैं और आत्मा की स्वतंत्रता में जीते हैं, तो हम प्रभु की स्तुति में वह भजन गा सकेंगे, जिसे नबी इसायस हमें कहते हैं,“यही हमारा ईश्वर है। इसका भरोसा था। यह हमारा उद्धार करता है। यही प्रभु है, इसी पर भरोसा था। हम उल्लसित होकर आनंद मनायें क्योंकि यह हमें मुक्ति प्रदान करता है।”  

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21 October 2024, 16:06