कोविद -19 के दौरान बुजुर्गों के अधिकार व सम्मान की मांग
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
यूएन, मंगलवार, 5 मई 2020 (वीएन)- विश्वभर में बुजूर्गों के लिए कोविड-19 महामारी द्वारा अकथनीय भय एवं पीड़ा पर गौर करते हुए, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस ने अपील की है कि वायरस के लिए मानवता की प्रतिक्रिया में बुजूर्गों के अधिकारों और प्रतिष्ठा के प्रति सम्मान को भी शामिल किया जाए।
80 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 से अधिक खतरा
यूएन की नीति को जारी करने के लिए प्रकाशित एक वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, "वृद्ध लोगों के लिए मृत्यु दर अधिक है और जो लोग 80 साल से अधिक उम्र के हैं यह वैश्विक औसत से 5 गुणा अधिक है।" यूएन की इस नीतिगत पहल का शीर्षक है, "कोविड-19 का प्रभाव बुजूर्गों में।"
संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल माह के पहले सप्ताह में गौर किया गया है कि विश्व के 30 प्रमुख देशों में कोविड-19 से मरनेवालों में बुजूर्गों की संख्या 95 प्रतिशत है जिनकी आयु 60 साल से अधिक थी। मरने वालों में 50 प्रतिशत लोग 80 साल के अथवा उससे अधिक उम्र के थे।
गुटेर्रेस ने गौर किया है कि इस तत्कालिक स्वास्थ्य प्रभाव से बढ़कर, महामारी ने बुजूर्गों को गरीबी, भेदभाव एवं एकाकी के अधिक खतरे में डाल दिया है, खासकर, विकासशील देशों में। यूएन की नीति में चार मुख्य संदेश हैं-
सभी के अधिकार एवं प्रतिष्ठा की रक्षा
पहला, कोई भी व्यक्ति, चाहे वह जवान हो अथवा बृद्ध उसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। बुजूर्गों को जीवन और स्वास्थ्य का दूसरों के बराबर अधिकार है। जीवन रक्षक चिकित्सा देखभाल के कठिन निर्णय सभी के मानवाधिकारों और प्रतिष्ठा के सम्मान को ध्यान में रखकर किया जाए।
दूसरा, जबकि संक्रमण से बचने के लिए दूरी रखना आवश्यक है उनके लिए विकसित सामाजिक समर्थन की जरूरत है और डीजिटल संचार साधनों द्वारा उनके पास पहुँचा जाना चाहिए।
नीति में सभी से अपील की गई है कि सभी सामाजिक, आर्थिक एवं मानवीय जवाब में, सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज, उपयुक्त काम और पेंशन के मामले में, बुजूर्ग लोगों की आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाए।
अधिकतर महिला बुजूर्ग
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने रेखांकित किया है कि बुजूर्गों में अधिकांश लोग महिलाएँ हैं जो गरीबी की स्थिति में जी रही हैं और स्वास्थ्य की सुविधाओं से भी वंचित हैं। अतः नीति में कहा गया है कि उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाए।
चौथा, नीति में कहा गया है कि बुजूर्गों के साथ, छिपे हुए अथवा शक्तिहीन लोगों के रूप में वर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में गुटेर्रेस ने कहा है कि बृद्ध लोग परिवार में पूरी तरह संलग्न हैं और वे परिवार की जीविका अर्जित करने, शिक्षा देने एवं दूसरों की देखभाल करने में लगे हुए हैं, इसलिए, उनकी आवाज और नेतृत्व की गिनती की जानी चाहिए।
एकात्मता की आवश्यकता सभी को
यूएन महासचिव ने सभी का आह्वान करते हुए वैश्विक और राष्ट्रीय एकजुटता में वृद्धि हेतु प्रोत्साहित दिया जिसमें बुजूर्गों को भी शामिल किया जाए ताकि अधिक समावेशी, सतत् और आयु के अनुकूल समाज का निर्माण किया जा सके जो भविष्य के लिए उपयुक्त हो।
जॉन होकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, कोविड-19 महामारी से करीब 3.5 मिलियन लोग संक्रमित हुए हैं।
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