विद्रोहियों ने सेनेगल के बंदी सैनिकों को रिहा किया
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
सेनेगल, बुधवार 16 फरवरी, 2022 (वाटिकन न्यूज) : सेनेगल के कैसामांस क्षेत्र के अलगाववादी विद्रोहियों ने सोमवार को पकड़े गए सात सेनेगल सैनिकों को मुक्त कर दिया। उनकी रिहाई के लिए संत एजीदियो समुदाय सहित कई अपीलें की गई थी।
मुक्त सैनिक, जो गाम्बिया में पश्चिम अफ्रीकी शांति मिशन(ईसीओएमआईजी) के सदस्य हैं, उसे तीन सप्ताह पहले एक संघर्ष के बाद, सैलिफ़ सादियो के नेतृत्व में मूवमेंट ऑफ़ डेमोक्रेटिक फोर्सेस ऑफ़ कैसामांस (एमएफडीसी) की सेनाओं ने पकड़ लिया था।
सात सैनिकों को संत इजीदियो समुदाय के फादर एंजेलो रोमानो की उपस्थिति में पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएएस) के एक प्रतिनिधिमंडल को सौंप दिया गया। गैम्बियन सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि और अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस के प्रतिनिधि के रुप में फादर एंजेलो ने तटस्थ बिचौलिये के रूप में काम किया।
शांति की सेवा में संत इजीदियो समुदाय
24 जनवरी को सेनेगल के कैसामांस क्षेत्र के अलगाववादी विद्रोही लड़ाके (एमएफडीसी) पश्चिम अफ्रीकी शांति मिशन के सैनिकों से भिड़ गए, जिनमें मुख्य रूप से सेनेगल के सैनिक शामिल थे। सेनेगल की सेना ने कहा कि गाम्बिया के साथ सीमा पर अवैध कटाई से निपटने के लिए एक ऑपरेशन के दौरान लड़ाई हुई। रिपोर्टों के अनुसार, 2 सैनिक मारे गए और सात को जिंदा पकड़ लिया गया।
घटना के बाद, संबंधित पक्षों के अनुरोध पर संघर्ष में पक्षों के बीच संवाद के लिए, संत इजीदियो के समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल तुरंत बंजुल गाम्बिया के लिए रवाना हुआ।
शांति की दिशा में पहले संकेत के रूप में, 30 जनवरी को, एमएफडीसी के प्रमुख सलिफ सादियो ने संत'एगिडियो द्वारा की गई अपील का स्वागत किया और संघर्ष में मारे गए दो सैनिकों के शव लौटा दिए।
सोमवार को सैनिकों की रिहाई के बाद, संत इजीदियो ने आभार व्यक्त किया और उन निकायों के बीच बनाए गए सकारात्मक तालमेल को स्वीकार किया। पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के समुदाय के साथ विशेष रूप से गाम्बिया और सेनेगल के अधिकारी संयुक्त रूप से संकट को रोकने के लिए काम किया।
एमएफडीसी
एमएफडीसी (सेनेगल में कैसामांस क्षेत्र के अलगाववादी विद्रोही) 1982 से कैसामांस में अलगाववादी संघर्ष के पीछे है और इसने कई लोगों की जान ले ली है।
2014 में संघर्ष विराम के बाद से यह समूह काफी हद तक निष्क्रिय रहा है, लेकिन सेनेगल और गाम्बिया के बीच अवैध लकड़ी की तस्करी का आरोप लगाया गया है।
1888 में फ्रांस को सौंपे जाने तक कई सौ वर्षों तक कैसामांस का स्वामित्व पुर्तगालियों के पास था। 1960 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद यह बाद में सेनेगल का हिस्सा बन गया।
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