लड़ाई जारी, रूसी सेना ने कीव पर कब्जा करने की कोशिश की
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
कीव, सोमवार 14 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : यूक्रेनी सेना ने कीव के पास एक गांव में रूसी सेना को रोकने की सख्त कोशिश की। एक सैनिक चिल्लाया, "हमला करना जारी रखें, जाँच चौकी पर डटे रहें।"
लेकिन यह आसान नहीं है। फुटेज में दिखाया गया है कि यूक्रेन के सैनिक जंगल से गुजरते हुए स्नाइपर फायर और अन्य हमलों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। "दो टैंक आ रहे हैं," एक सैनिक ने साथी लड़ाकों को सूचित किया।
कीव क्षेत्र के इस गांव में लड़ाई कोई अकेली घटना नहीं है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि रूसी सेना कीव से लगभग 25 किलोमीटर दूर है।
यूक्रेन के कई अन्य शहरों में भी गोलीबारी, सायरन और विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। रूसी सैनिक महत्वपूर्ण ठिकानों को घेरने की कोशिश में हैं।
रुसी सैनिकों से घिरे खार्किव, मारियुपोल, मायकोलाइव और सुमी शहर लगातार गोलाबारी के साथ-साथ ठंडे तापमान का सामना कर रहे हैं। कई निवासियों के पास बिजली नहीं है और उनके पास बहुत कम भोजन या पानी है। शव सड़कों पर पड़े देखे गए हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि रूसी सेना ने मारियुपोल में एक मस्जिद पर गोलाबारी की, जहां 80 से अधिक वयस्क और बच्चे शरण लिए हुए थे। यह स्पष्ट नहीं था कि कितने हताहत हुए थे।
जान जोखिम में डालना
असफलताओं के बावजूद, सैकड़ों निवासियों ने रूसी सेना पर हमला करके अपने मेयर के अपहरण के विरोध में दक्षिण-पूर्वी शहर मेलिटोपोल में अपनी जान जोखिम में डाल दी। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की और रूसियों पर "एक नए आतंकवादी चरण में जाने" का आरोप लगाया।
मॉस्को ने रूसी हितों की रक्षा के लिए यूक्रेन में "एक विशेष सैन्य अभियान" शुरु किया है और यूक्रेन की पश्चिमी सरकार को नाज़ी कहा है।
जारी लड़ाई के बीच, फ्रांस और जर्मनी के नेता युद्धविराम के प्रयास में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत का एक और दौर शुरु कर रहे हैं।
लेकिन इस तबाह भूमि पर जल्द ही शांति लौटने के कोई संकेत नहीं हैं। अब तक 2.5 मिलियन यूक्रेनियन पड़ोसी देशों में शरण लिये हुए है। यूक्रेन से भागकर पड़ोसी देशों की शरण में आये बहुत सारे बच्चे अकेले हैं, जो खुद की देखभाल भी नहीं कर सकते।
पोलैंड ने कहा कि करीब 16 लाख शरणार्थी अकेले उसके क्षेत्र में पहुंचे। इसके विपरीत, यूरोप के सबसे गरीब देशों में से एक, मोल्दोवा ने कहा कि यह बड़े पैमाने पर लोगों के पलायन का सामना कर रहा है। यह "अत्यंत तनावग्रस्त स्थिति" है।
सैकड़ों हजारों यूक्रेनियन और युद्ध से बचने वाले अन्य लोग भी हंगरी और आसपास के देशों में प्रवेश कर चुके हैं।
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