यूनिसेफ ˸ यूक्रेन के बच्चों के लिए बुरा सपना
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
यूक्रेन, मंगलवार, 12 अप्रैल 2022 (रेई) ˸ यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक मानुएल फोंताने ने एक बयान में कहा है कि छः सप्ताह में यूक्रेन के लगभग दो तिहाई बच्चे विस्थापित हुए हैं। 1.4 मिलियन लोग यूक्रेन में बिना पानी के रह रहे हैं। अतिरिक्त 4.6 मिलियन लोगों के लिए जल की सीमित आपूर्ति उपलब्ध है।
स्कूलों के बंद हो जाने से करीब 5.7 मिलियन स्कूल बच्चों और 1.5 मिलियन कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई एवं भविष्य प्रभावित हो रही है।
मानुएल फोंताने ने कहा, "मैं यूक्रेन में एक मिशन से पिछला सप्ताह लौटा। मानवीय कार्यकर्त्ता के रूप में 31 सालों के कार्यकाल में मैंने बहुत कम समय में इतनी अधिक क्षति नहीं देखी थी।"
यूक्रेन में बच्चे, परिवार और समुदाय सभी हमले की चपेट में हैं। अनुमानतः 32 मिलियन बच्चे अपना घर छोड़ चुके हैं, करीब आधे बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। जल व्यवस्था के ढांचे पर हमला एवं बिजली की कमी के कारण करीब 1.4 मिलियन लोग यूक्रेन में बिना पानी के हैं। इसके अतिरिक्त 4.6 मिलियन लोगों के लिए जल की सीमित पहुँच उपलब्ध है।
मारियुपोल एवं खेरसोन जैसे शहरों में स्थिति अधिक बदतर हो गई है, जहाँ बच्चों एवं उनके परिवारों के लिए जल, स्वच्छता नियमित भोजन एवं मेडिकल देखभाल कई सप्ताह से उपलब्ध नहीं हैं। वे अपने घरों एवं तहखान में रह रहे हैं एवं बम और हिंसा के अंत होने का इंतजार कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 10 अप्रेल के रिपोर्ट में 142 बच्चे मारे गये हैं एवं 229 घायल है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने कहा, "हम जानते हैं कि ये संख्या बहुत अधिक हो सकती है - उनमें से कई की मृत्यु गोलीबारी या आबादीवाले क्षेत्रों में विस्फोटक हथियारों के प्रयोग के कारण हुई है।
बच्चों की मदद करनेवाली संरचनाओं पर भी हमले हुए हैं। शत्रुता ने सैकड़ों आवासीय घरों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया है। अस्पतालों, स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल उपकरणों पर हमले तथा स्वास्थ्यकर्मियों की हत्या एवं उनके घायल होने के कारण, आपातकालीन सेवा, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल एवं दवाईयों को पाने में कठिनाई बढ़ गई है।
सैंकड़ों स्कूलों एवं शैक्षणिक सुविधाओं पर हमले हुए हैं अथवा उन्हें सैनिकों के द्वारा प्रयोग किये जा रहे हैं, कुछ को नागरिकों के आश्रय स्थल में बदल दिया गया है। पूरे देश में स्कूलों के बंद हो जाने से करीब 5.7 मिलियन स्कूल बच्चों और 1.5 मिलियन कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई एवं भविष्य प्रभावित हो रही है। डोनबास प्रांत में बच्चों की पूरी पीढ़ी का जीवन और शिक्षा, पहले आठ सालों के संघर्ष में ही अस्त- व्यस्त हो चुका है।
सिर्फ छः सप्ताह में यूक्रेन के करीब दो तिहाई बच्चे विस्थापित हुए हैं। उन्हें अपना घर, स्कूल और परिवार सब कुछ पीछे छोड़ना पड़ा है। अभिभावक के बिना अनेक बच्चे ऐसे हैं जिनके लिए हिंसा, शोषण, दुराचार एवं मानव तस्करी का खतरा बढ़ गया है। फोंताने ने कहा कि हम यौन हिंसा और लिंग आधारित हिंसा के अन्य रूपों के बढ़ते खबरों को लेकर बेहद चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, "मैं विशेष रूप से युद्ध के विस्फोटक अवशेषों की व्यापक उपस्थिति के लिए चिंतित हूँ जिनसे बच्चों को मृत्यु और भयानक चोट का खतरा होता है। पूर्वी यूक्रेन पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक खदान-दूषित भूमि में से एक था जो अब देश के अन्य हिस्सों में भी तेजी से फैल गया है। हम महिलाओं एवं बच्चों के स्वस्थ, अधिकार एवं प्रतिष्ठा पर निगरानी कर रहे हैं ताकि वे शोषण एवं दुराचार के शिकार न हों।" उन्होंने उन बच्चों की सुरक्षा पर जोर दिया है जो अपने परिवार से अलग हो गये हैं और संस्थाओं में रह रहे हैं। उन्होंने नेताओं से अपील की है कि वे युद्ध समाप्त करें क्योंकि युद्ध का हरेक दिन अधिक बच्चों के लिए दुःख का कारण है। यूक्रेन के बच्चे अधिक इंतजार नहीं कर सकते।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here