शिमला में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन से जीवित बचे लोगों की तलाश में बचावकर्मी मलबा हटाते हुए शिमला में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन से जीवित बचे लोगों की तलाश में बचावकर्मी मलबा हटाते हुए 

उत्तर भारत में बाढ़ के कारण 80 से अधिक की मौत

भारत के हिमालयी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 80 लोगों की जान चली गई है। बाढ़ से बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में लोग विस्थापन हुए हैं।

एंड्रिया रेगो

भारत, बुधवार, 23 अगस्त 2023 : भारत के हिमालयी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 80 लोगों की जान चली गई है। बाढ़ से बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में लोग विस्थापन हुए हैं।

उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से हिमालय की तलहटी में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है और निवासियों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है।

हिमाचल प्रदेश और उसके पड़ोसी राज्यों में पिछले 50 वर्षों में सबसे खराब मूसलाधार बारिश हो रही है और आशंका है कि मरनेवालों की संख्या बढ़ेगी।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

22 अगस्त को, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 22 से 25 अगस्त को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश या तूफान और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया।

विशेष रूप से, चंबा और मंडी जिलों को जलग्रहण क्षेत्रों में अचानक बाढ़ के बारे में चेतावनी दी गई है और 26 अगस्त तक बादल फटने की भी भविष्यवाणी की गई है।

हिमालय क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के उत्तरी हिस्सों में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी ने 23 और 24 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड में अत्यधिक वर्षा का अलर्ट भी जारी किया।

राज्य विपदा

18 अगस्त को हिमाचल प्रदेश सरकार ने भारी बारिश से हुई भारी क्षति को राज्य आपदा घोषित कर दिया।  मानव जीवन और संपत्ति को हुए नुकसान को देखते हुए पहाड़ी राज्य को "प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र" घोषित किया गया है।

भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़ के कारण सड़कें जलमग्न हो गई हैं, इमारतें बह गईं और निवासियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और जिला कांगड़ा और मंडी काफी प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ से हुई क्षति

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) समाचार एजेंसी ने बताया कि पिछले सप्ताह पांच दिनों की अवधि में 72 मौतें हुईं जब बचाव अभियान चल रहे थे।

पिछले महीने, उत्तरी भारत के हिमालयी क्षेत्रों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश में, जो सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, दो सप्ताह की अवधि में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीटीआई को मूसलाधार बारिश के बाद उबरने की योजना के बारे बताया और कहा कि सभी क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचों के पुनर्निर्माण में एक साल से अधिक का समय लगेगा।

उन्होंने दावा किया कि लगभग 120 करोड़ रुपये (1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा, राज्य के पर्यटन के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र होने के मद्देनजर, "यह एक बड़ी चुनौती है, पहाड़ जैसी चुनौती है।"

वर्तमान में, कई सड़कें अवरुद्ध हैं और स्कूल बंद हैं क्योंकि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) निचले और संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को बचा रहे हैं और निकाल रहे हैं।

राहत कार्य में तेजी

एक प्रेस विज्ञप्ति में भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा और बचाव उपकरणों से लैस एनडीआरएफ टीमों की तैनाती की घोषणा की है।

14 अगस्त के बाद से, एनडीआरएफ ने लगभग 960 बाढ़ पीड़ितों को बचाया है और 10,363 से अधिक लोगों को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों से निकाला है। अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर इन राज्यों में अतिरिक्त टीमें तैयार रखी गई हैं।

चौबीसों घंटे एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष राज्य और जिला प्रशासन के साथ निकट समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

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23 August 2023, 16:53