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दुबई में कोप28 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन दुबई में कोप28 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन  (ANSA)

कोप28: एसईसीएएम द्वारा संत पापा के आग्रह के अनुरूप तत्काल कार्रवाई का आह्वान

जैसा कि दुबई में कोप28 का सम्मेलन हो रहा है, एसईसीएएम के प्रतिनिधि ने प्रतिभागियों से न्याय की वकालत करने में कलीसिया की भूमिका पर जोर देते हुए, जलवायु कार्रवाई के लिए संत पापा फ्राँसिस के मार्गदर्शन का पालन करने का आग्रह किया।

वाटिकन न्यूज़

दुबई, बुधवार 06 दिसम्बर 2023 : कोप28 के लिए एसईसीएएम (अफ्रीका और मेडागास्कर के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संध) की उम्मीदें "संत पापा फ्राँसिस की उनके नए प्रेरितिक प्रबोधन लौदाते देउम की सिफारिशों के अनुसार" किए जाने वाले निर्णय के लिए हैं क्योंकि कोप27 के बाद कुछ भी ठोस कदम सामने नहीं आये।

दुबई में मरीन हेनरियट से बात करते हुए एसईसीएएम के न्याय, शांति और विकास आयोग के दूसरे उप जनरल फादर जीन जर्मेन राजोएलिसन ने इस सम्मेलन से ठोस परिणामों की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया।

उन्होंने जोर देकर कहा कि तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता वाले क्षेत्रों में से एक कार्बन उत्सर्जन में कमी करना है, खासकर मेडागास्कर जैसे कमजोर क्षेत्रों के लिए। उन्होंने कहा, "मेडागास्कर, खासकर दक्षिण में, सूखे का शिकार है और हमें स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है।"

फादर जीन ने कुछ विकसित देशों के प्रयासों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने जलवायु न्याय की अवधारणा पर जोर देते हुए गरीब देशों का समर्थन करने की इच्छा दिखाई है।


फादर जीन ने कहा, "हमारे लिए, जलवायु न्याय महत्वपूर्ण है। हमें उन लोगों को ध्यान में रखना चाहिए जो जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं।"

उन्होंने पारिस्थितिक परिवर्तन और व्यवहार और सोच पैटर्न में बदलाव के संबंध में संत पापा फ्राँसिस की भावनाओं को दोहराते हुए ऐसा करने का आग्रह किया।

कलीसिया की भूमिका

फादर जीन ने जलवायु परिवर्तन के मूक पीड़ितों की वकालत करने में कलीसिया की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की।

उन्होंने मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन के लिए कलीसिया की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, "अफ्रीका में क्षेत्रीय सम्मेलनों और प्रतिबद्ध आम लोगों और आम महिलाओं के साथ, हम सक्रिय रूप से इस मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने में लगे हुए हैं।"

उन्होंने कहा, "काथलिक कलीसिया, न्याय और शांति आयोग के माध्यम से, बेजुबानों की आवाज़ है।"

उन्होंने कलीसिया के संदेश को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने और सामाजिक असमानताओं से निपटने के लिए काथलिक संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों दोनों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों पर प्रकाश डाला।

 

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06 December 2023, 16:02