इंडोनेशिया के भूकंप में 23 मारे गये
वाटिकन सिटी
इंडोनिशिया के सरकारी अधिकारियों के अनुसार इंडोनिशया के मारापी पर्वत में हुए भूकम्प के कारण पिछले सप्ताह के अंत में दर्जनों पर्वतारोहियों की मृत्यु हो गई है। इस भूकम्प के कारण हुए विस्फोट में 23 लोगों के मारे जाने की खबर है।
रविवार को हुए विस्फोट के दौरान दर्जनों पर्वतारोही खतरे की सीमा में थे जहाँ विस्फोट के दौरान करीबन 9,800 फीट ऊंचाई का घना धुआँ देखा गया। बचाव दल के अनुसार विस्फोट के बाद करीबन 50 से अधिक पर्वत चढ़ने वालों की जानें बचाई गयीं और करीब 11 मृत व्यक्तियों के शवों को निकाला गया।
विस्फोट की खबर के बाद रोमवार और मंगलवार को बचाव दलों ने करीब 11 शवों को निकाला वहीं बुधवार के दिन पर्वतारोहियों में से गुमशुदा हुए अंतिम व्यक्ति की लाश पाई गई। पश्चिम सुमात्रा प्रांत में अगन रीजेंसी और तनाह दातार रीजेंसी क्षेत्रों में स्थित मारापी पर्वत जनवरी में हुए विस्फोट के बाद से सक्रिय है। यह इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।
दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम राष्ट्र प्रशांत बेसिन में "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित होने के कारण भूकंपीय उथल-पुथल के खतरे से सदैव घिरा हुआ है।
75 पर्वतारोही
करीबन 75 लोगों ने पिछले शनिवार को मारापी पर्वत जिसकी ऊंचाई करीबन 2,900 मीटर है,चढ़ाई शुरू की थी। घटना में कई लोगों के मारे जाने के बाद उनका कहना है कि काश उन्हें यह पर्वतारोहण शुरू नहीं किया होता।
अधिकारियों का कहना है कि ज्वालामुखी 2011 के बाद से चार चेतावनी स्तरों में से तीसरे उच्चतम स्तर पर बना हुआ है, जो सामान्य से ऊपर ज्वालामुखी गतिविधि का संकेत देता है। ज्वालामुखीय गतिविधि ने शिखर के 3 किलोमीटर (1.8 मील) के भीतर पर्वतारोहियों और ग्रामीणों को प्रतिबंधित कर दिया था।
लेकिन ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा न्यूनीकरण केंद्र के प्रमुख हेंड्रा गुनावान ने कहा कि हर किसी ने इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा, “पर्वत में चढ़ाई कर अपनी संतुष्टि को पूरा करने हेतु नियमों की अनदेखी करने के कारण मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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