राखेल : हमारी खंडित दुनिया को एकजुट करने के लिए मेरे साथ जुड़ें
राखेल गोल्डबर्ग पोलिन द्वारा
येरुसालेम, सोमवार 15 जनवरी 2024 (वाटिकन न्यूज) : रविवार, 14 जनवरी को मेरे इकलौते बेटे हर्ष को मुझसे चुराए हुए 100 दिन हो गए हैं। हर्ष एक नागरिक है जो एक संगीत समारोह में भाग ले रहा था। अपहरण से पहले उसका हाथ कोहनी के पास से उड़ा दिया गया था। वह दोहरे अमेरिकी-इजरायल नागरिक हैं।
ऐसे कोई शब्द नहीं हैं जो उचित रूप से वर्णन कर सकें कि पिछले 100 दिन मेरे और मेरे परिवार के लिए कैसे रहे हैं। उसके अपहरण के बाद से हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते।
लेकिन इस सबसे कठिन समय में, हम पर करुणा, अनुग्रह, प्रेम और समर्थन की वर्षा की गई है। जो बात विशेष रूप से सार्थक रही है वह दुनिया भर में ख्रीस्तीय समुदाय की ओर से की गई पहुंच है। हमें दया दिखाने वाले और देखभाल करने वाले ख्रीस्तीय से सैकड़ों हजारों संदेश मिले हैं, जिन्होंने हर्ष को मजबूत रहने और हमारे घर आने के लिए अपना आशीर्वाद भेजा है। पारिवारिक क्रिसमस डिनर टेबल की तस्वीरें, जिस पर हर्ष का नाम लिखी एक खाली प्लेट है, और रात्रि मिस्सा में हर्ष के लिए मोमबत्तियाँ जलाते लोग। दुनिया भर में हमारे ख्रीस्तीय पड़ोसियों से ऐसी सुंदरता और कोमलता को हम अंदर से महसूस करते है।
मुझे बंधकों के अन्य परिवारों के एक छोटे समूह के हिस्से के रूप में संत पापा से मिलने का अनूठा अवसर मिला। उन्होंने हमारी बात सुनी और हमारे दर्द को साझा किया। संत पापा ने कुछ ऐसा कहा जिसने मुझे बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमने जो अनुभव किया वह आतंक था और वह आतंक "मानवता का अभाव" था। यह सरल, ज्ञानपूर्ण और प्रेरणादायक था। मैंने मानवता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था, लेकिन इन शब्दों को सुनने के बाद से, दुनिया के लिए मेरी आशा बहाल हो गई।
जब से हर्ष का अपहरण हुआ है, मैंने अपने दिल के ऊपर मास्किंग टेप का एक टुकड़ा पहन लिया है, जिसमें लिखा है कि उसे गए कितने दिन हुए हैं। मैं एक काले मार्कर का उपयोग करती हूँ और हर सुबह नए सिरे से नंबर लिखती हूँ। हाल ही में, मैंने दुनिया से टेप लगाने में मेरे साथ शामिल होने के लिए कहना शुरू किया, जैसे मैं करती हूँ। यह हमारी खंडित दुनिया में एकजुटता का प्रतीक है। मैं सभी धर्मों, नस्लों, राष्ट्रीयताओं और उम्र के सभी लोगों से मेरे साथ जुड़ने का आह्वान कर रही हूँ।
हमारी दुनिया में जहां अब बहुत सारी पीड़ाएं हैं, कई जगहों पर और कई तरीकों से, यह हम सभी के लिए एकजुट होने और कहने का एक आसान तरीका है... बस। संघर्ष के दोनों पक्षों के लोगों के लिए पर्याप्त पीड़ा। बहुत हो गये आंसू. बहुत हो गया खून-खराब। बहुत हुआ दर्द।
करुणा की ओर पहला कदम एकता है। एकता में पहला कदम एकजुटता है और एकजुटता की ओर पहला कदम एक प्रतीक हो सकता है।
मेरे दर्द में डूबी माँ के प्रतीक में शामिल हों। जैसे माँ मरिया रोईं, मैं भी हमारी खंडित दुनिया के लिए रोती हूँ।
मैं प्रार्थना करती हूँ और विश्वास करता हूँ कि हर्ष और अन्य प्रिय बंधकों के लिए मुक्ति जल्द ही आएगी और गाजा में पीड़ित सभी हजारों निर्दोष लोगों के लिए तथास्तु कहने का समय आ गया है। काश ऐसा हो।
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