ब्रिटेन के विशेष बलों ने अफगान सैनिकों के पुनर्वास को रोक दिया
वाटिकन न्यूज
यह बात सामने आई है कि ब्रिटिश विशेष बलों ने उन अफगान सैनिकों को ब्रिटेन में फिर से बसने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया है, जिनके साथ वे कभी लड़े थे।
यह निष्कर्ष - सोमवार को पहले जारी की गई बीबीसी जांच का हिस्सा - ब्रिटेन द्वारा पूर्व अफगान सहयोगियों के पुनर्वास अनुरोधों को संभालने के तरीके के बारे में खुलासे की श्रृंखला में नवीनतम है।
यूके सरकार ने अप्रैल 2021 में अफगान पुनर्वास और सहायता नीति शुरू की, जिसमें उन अफगान नागरिकों को ब्रिटेन में सुरक्षा के लिए लाने का वादा किया गया, जिन्होंने यूके के साथ काम किया था - और जिनकी जान अब उनके गृह देश में खतरे में है।
हालाँकि, कई लोगों ने देखा कि उनके आवेदन अस्वीकार कर दिए गए हैं। नवंबर 2023 में, एक जांच से पता चला कि पुनर्वास से इनकार करनेवाले इन पूर्व-ब्रिटेन सहयोगियों में से कुछ को तालिबान शासित अफगानिस्तान में पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।
"हितों का टकराव"
बीबीसी की नई जांच से पता चलता है कि ब्रिटेन के विशेष बलों को उन अफगान सैनिकों द्वारा किए गए स्थानांतरण अनुरोधों पर निषेधाधिकार दिया गया था जिनके साथ वे लड़े थे।
इस शक्ति का प्रयोग ऐसे समय में किया गया था जब ब्रिटेन इन आरोपों की सार्वजनिक जांच कर रहा था कि उसके विशेष बलों ने अफगानिस्तान में सेवा करते हुए युद्ध अपराध किए थे।
जिन अफगान सैनिकों के स्थानांतरण अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया था उनमें से कुछ पर आरोप है कि जब ये युद्ध अपराध किए गए थे तब वे उपस्थित थे। यदि वे ब्रिटेन में होते, तो उनसे पूछताछ के लिए साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा जा सकता था।
ब्रिटेन के एक पूर्व विशेष बल अधिकारी ने बीबीसी को बताया, "यह स्पष्ट रूप से हितों का टकराव है।" "ऐसे समय में जब ब्रिटेन के विशेष बलों की कुछ कार्रवाइयों की सार्वजनिक जांच चल रही है, उनके मुख्यालय के पास पूर्व अफगान विशेष बलों के सहयोगियों और इन कार्यों के संभावित गवाहों को सुरक्षित यूके जाने देने की भी शक्ति थी।"
कलीसिया की प्रतिक्रिया
वाटिकन न्यूज़ से बात करते हुए, जेसुइट शरणार्थी सेवा की यूके शाखा के एक प्रवक्ता ने कहा: "यूके में शरण लेने हेतु लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग गायब हो गए हैं। आज की परेशान करनेवाली रिपोर्टें इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि ये भी उन लोगों के लिए सुरक्षा प्रदान करने में विफल हो रहे हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है।" काथलिक धर्माध्यक्षों ने भी इस मुद्दे पर बात की।
जुलाई 2023 में प्रवासन पर अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष बिशप मार्क जे. सेट्ज़ ने अमेरिकी विधायकों को पत्र लिखकर उनसे उन अफगान नागरिकों को अधिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, जिन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन के साथ काम किया था।
इंगलैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के आप्रवासी एवं शरणार्थी विभाग के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष पौल मैकलीनन ने पिछले साल यूके के अन्य धर्मों के नेताओं के साथ मिलकर अफगान वायु सेना के एक पूर्व सदस्य को निर्वासित किये जाने की ब्रिटिश सरकार की योजना की निंदा की थी।
इसके अलावा, 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के तुरंत बाद, बिशप मैकलीनन ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें यूके सरकार से "जोखिम में पड़े अफगानों की मदद करने के लिए आगे बढ़ने" का आग्रह किया गया था, और जिसमें कहा गया था कि "एक राष्ट्र के रूप में, हमें कोटा के द्वारा नहीं, लेकिन हमारे सामने ज़रूरत और दर्द को देखते हुए प्रेरित होना चाहिए।”
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here