हैती में केन्याई शांति सेना दल का मिशन शुरू
वाटिकन न्यूज
पोर्ट औ प्रिंस, बुधवार 26 जून 2024 : कैरेबियाई देश में उग्र हो रहे हिंसक गिरोहों का सामना करने के लिए केन्याई सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी सोमवार 24 जून की शाम को राजधानी नैरोबी से हैती के लिए रवाना हुई। इस खबर की घोषणा अफ्रीकी देश के आंतरिक मंत्री किथुरे किंडिकी ने की। उन्होंने कहा कि वे "राष्ट्रीय पुलिस सेवा एजेंटों की टुकड़ी के पहले बैच को देखकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं जो हैती में ऐतिहासिक संयुक्त राष्ट्र मिशन का हिस्सा हैं।"
400 सैनिकों का पहला समूह रवाना हुआ
पिछले सोमवार को, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने 400 सैन्य कर्मियों के लिए एक प्रस्थान समारोह आयोजित किया, जो हैती में तैनात होने वाली पहली टुकड़ी है। लगभग 600 सैनिकों का एक और समूह बाद में शामिल होगा। केन्या के अलावा, जमैका, बहामास, बारबाडोस, चाड और बांग्लादेश ने भी 2,500-व्यक्ति मिशन के लिए कर्मियों का वादा किया है, जो मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त पोषित है।
अमेरिका का समर्थन
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि बड़े पैमाने पर हिंसा से निपटने का काम संभालने वाले पहले केन्याई पुलिस अधिकारी इस सप्ताह हैती पहुंचेंगे। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा, "हमें सुरक्षा में और अधिक मापनीय सुधार देखने की उम्मीद है, खासकर जब यह मानवीय सहायता और प्रमुख आर्थिक गतिविधियों तक पहुंच से संबंधित है।" केन्या ने जुलाई 2023 में कैरेबियाई राष्ट्र में हिंसा का मुकाबला करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बल का नेतृत्व करने की पेशकश की, जहां राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले गिरोह बड़े पैमाने पर हत्याएं, अपहरण और यौन हिंसा को अंजाम देते हैं।
प्रधान मंत्री कॉनिल: राजनीतिक वर्ग का नवीनीकरण
अदालती चुनौतियों और हैती में बिगड़ती सुरक्षा के कारण तैनाती में बारंबार देरी हुई है, जिसके कारण पूर्व प्रधान मंत्री एरियल हेनरी को मार्च में इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। हाईटियन प्रधान मंत्री गैरी कॉनिल - जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में शपथ ली, केन्या के समर्थन का स्वागत किया। कॉनिल ने सोशल मीडिया के प्लेफार्म एक्स पर लिखा, "हाईटियन सरकार और लोगों को उम्मीद है कि यह बहुराष्ट्रीय मिशन देश को स्थिर करने में मदद करने वाला आखिरी मिशन होगा ताकि वह अपने राजनीतिक वर्ग को नवीनीकृत कर सके और प्रभावी लोकतंत्र में लौट सके।"
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