जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सहते बच्चे, फाईल तस्वीर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सहते बच्चे, फाईल तस्वीर  

जलवायु परिवर्तन से बच्चे सबसे अधिक प्रभावित

बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु गठित संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल आपात कोष यूनीसेफ तथा सेव द चिल्ड्रन संगठनों ने अपनी रिपोर्टों में इस बात के प्रति सचेत किया है कि जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है।

वाटिकन सिटी

न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (रेई, वाटिकन रेडियो): बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु गठित संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल आपात कोष यूनीसेफ तथा सेव द चिल्ड्रन संगठनों ने अपनी रिपोर्टों में इस बात के प्रति सचेत किया है कि जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है।

चरम घटनाएँ

सेव द चिल्ड्रन के अनुसार, इटली में जलवायु संकट से जुड़ी चरम घटनाओं की संभावना 20 वर्षों में 9% बढ़ गई है और सबसे कम उम्र के लोगों को इससे होने वाली असुविधाओं से भारी पीड़ित होने का खतरा है। यह ख़तरा बोरिस जैसे तूफान द्वारा लाई गई तीव्र बारिश से भी प्रदर्शित होता है, जिसके कारण एमिलिया-रोमानिया प्रान्त के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन हुआ तथा हाल के दिनों में मध्य यूरोप में लगभग बीस लोगों की मौत हो गई है।

सेव द चिल्ड्रेन रेखांकित करता है कि कैसे जलवायु संकट बच्चों के अधिकारों का हनन करता है और लगभग एक अरब बच्चों के जीवन को खतरे में डालता है। कहा गया कि दुनिया की लगभग आधी बाल आबादी जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से पीड़ित होने के उच्च जोखिम वाले देशों में रहते हैं और असमानताओं का सामना करते हैं।

खाद्य संकट

वैश्विक स्तर पर, चरम मौसम की गटनाओं वाले देशों में भूख के गंभीर स्तर का सामना करने वाले बच्चों की संख्या पिछले पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई हैं, अकेले 2023 में इसमें 20% की वृद्धि हुई है।

इसी बीच, संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल आपात कोष यूनीसेफ द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट का कहना है कि एकीकृत खाद्य सुरक्षा वर्गीकरण या आईपीसी पैमाने के आंकड़ों के अनुसार, 18 देशों में सात करोड़ बीस लाख लोग आईपीसी/सीएच चरण 3 का सामना कर रहे थे, जिसे तीव्र खाद्य असुरक्षा या इससे भी बदतर संकट स्तर के रूप में परिभाषित किया गया है, विशेषकर, उन देशों में जहां चरम मौसम की स्थिति क्षुधा और भुखमरी का मुख्य कारण है।

 

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20 September 2024, 10:44