बाढ़ में मारी गई युवा वैज्ञानिक को भारतीय धर्माध्यक्ष की काव्यात्मक श्रद्धांजलि
लीकास न्यूज़
तेलंगाना, शुक्रवार 20 सितंबर 2024 : तेलुगु काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के आदिवासी मामलों के लिए गठित आयोग के अध्यक्ष, श्रीकाकुलम के धर्माध्यक्ष रायराला विजयकुमार द्वारा तेलुगु में लिखे गए गीत द्वारा वैज्ञानिक डॉ. नुनावथ अश्विनी को श्रद्धांजलि दी गई।
काथलिक कनेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिवंगत वैज्ञानिक के सम्मान में यह गीत 19 सितंबर को जारी किया गया था, जिनका जीवन 1 सितंबर को समाप्त हो गया था।
अपना गहरा दुख व्यक्त करते हुए, धर्माध्यक्ष विजयकुमार ने डॉ. अश्विनी के दुखद नुकसान को "अपूरणीय" बताया, उन्हें "एक प्यारी बेटी जो आकाश में एक तारे की तरह हमसे दूर चली गई" के रूप में संदर्भित किया।
उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री से अश्विनी की याद में मेहनती आदिवासी छात्रों की सहायता के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम बनाने का भी आग्रह किया, ताकि वैज्ञानिक समुदाय में उनकी विरासत और योगदान का सम्मान किया जा सके।
रायपुर में आईसीएआर - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस मैनेजमेंट से जुड़ी एक युवा वैज्ञानिक डॉ. अश्विनी अपने पिता नुनावत मोतीलाल के साथ हैदराबाद में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्रा करते समय बाढ़ के पानी में बह गईं।
भारी बारिश के कारण मरीपेडा मंडल में पुरुषोत्तमैया गुडेम के पास अकरुवागु नाला उफान पर आ गया, जिससे एक पुल टूट गया और उनका वाहन डूब गया।
प्रियजनों को अंतिम, दिल दहला देने वाली फोन कॉल में, डॉ. अश्विनी और उनके पिता ने बताया कि उनकी कार के अंदर बाढ़ का पानी बढ़ रहा है, जिसमें वे फंस गए हैं और असहाय हैं। फोन अचानक बंद हो गया। परिवार और मित्र समाचार पाने के लिए भयभीत होकर इंतजार कर रहे थे।
बचाव दल ने उस दिन बाद में अकरुवागु पुल के पास डॉ. अश्विनी का शव खोजा, जबकि उनके पिता अभी भी लापता हैं, उनकी तलाश जारी है।
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