इस्राएल एवं हिजबुल्ला के बीच युद्धविराम लागू
वाटिकन न्यूज
एक साल से ज्यादा समय तक सीमा पार से शत्रुता और कई महीनों तक खुले युद्ध के बाद, बुधवार को सुबह 4 बजे लेबनान में इस्राएल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्ध विराम लागू हो गया।
इस संघर्ष में 3,800 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और 9,00,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
इस समझौते के तहत, इस्राएल ने दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुलाने पर सहमति जताई है, जबकि लेबनान की सेना वहाँ पहुँचेगी।
इस्राएल के प्रधानमंत्री बेनजामिन नेतन्याहू ने जोर देते हुए कहा कि उनके देश के पास सैन्य रूप से जवाब देने का अधिकार सुरक्षित है, "यदि हिज़्बुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता और फिर से हथियारबंद होने की कोशिश करता है।"
समझौते में 60 दिन के बदलाव चरण का प्रावधान है। साथ ही, हिज़्बुल्लाह के सैनिकों को लिटानी नदी के उत्तर में वापस जाना होगा, जबकि लेबनानी सशस्त्र बल धीरे-धीरे सीमा पट्टी पर फिर से तैनात होंगे।
इस बीच, दक्षिणी लेबनान में हजारों लोग इस्राएली सेना और लेबनानी अधिकारियों की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिसमें उन्हें अभी भी अपने घरों को वापस न लौटने के लिए कहा गया है, भले ही युद्धविराम कायम दिख रहा हो।
इस समझौते पर पहुंचने के लिए कूटनीतिक पैंतरेबाजी के पीछे रहे अमेरिका और फ्रांस, एक निगरानी समिति का हिस्सा होंगे। फ्राँस "पूरी तरह से" समझौते का अनुपालन सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखेगा।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संघर्ष विराम को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसके बाद गाजा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जाने चाहिए।
बुधवार को जारी एक बयान में, तुर्की के विदेश मंत्रालय ने लेबनान में युद्ध विराम के लिए वार्ता के सकारात्मक परिणाम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि यह स्थायी होगा।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here