सिमडेगा धर्मप्रांत में गेरदा पल्ली के नये गिरजाघर का उद्धाटन समारोह
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
सिमडेगा, बुधवार 6 दिसम्बर 2023 (वीएन न्यूज) : सिमडेगा धर्मप्रांत के गेरदा पल्ली में रविवार 3 दिसम्बर 2023 को छोटानागपुर के शहीद पुरोहित ईश सेवक हेरमन रास्कार्ट गिरजाघर के उद्घाटन एवं आशीष मिस्सा समारोह धर्मप्रांत के चरवाहे धर्माध्यक्ष विंसेंट बरवा की अगुवाई में सम्पन्न हुआ।
रविवार सुबह को गेरदा पल्ली के पुरोहित फादर जैलास कुल्लु, सहायक पल्ली पुरोहित फादर पौलुस बागे और पल्ली वासियों ने बड़े उत्साह के साथ समारोह में शरीक होने आ रहे विश्वासी भाई बहनों का स्वागत किया। पल्ली परिसर में पहुँचते ही सिमडेगा धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष विंसेंट बरवा, हजारीबाग के धर्माध्यक्ष आनंद जोजो, खूँटी धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना, गुमला के नवनियुक्त धर्माध्यक्ष लिनुस पिंगल एक्का का विशेष रुप से स्वागत किया गया। आदिवासी नाच गान करते हुए धर्माध्यक्षों और करीब 50 पुरोहितों को नये गिरजाघऱ के मुख्यद्वार तक लाया गया।
मुख्य अनुष्ठाता धर्माध्यक्ष विंसेंट ने पवित्र मिस्सा की शुरुआत करते हुए कहा, ईश्वर की पावन कलीसिया में आप सबको कृपा ओर शांति प्राप्त हो। हम हर्षित मन से यहाँ एकत्रित हुए हैं कि ख्रीस्तयाग चढ़ाकर नये गिरजाघऱ का प्रतिष्ठान करें। विश्वास के साथ ईश्वर का वचन सुनकर हम इन पावन विधियों में भक्तिपूर्वक भाग लें जिससे हमारे समुदाय एक ही बपतिस्मा कुंड से जन्म पाकर और एक ही भोजन से पोषित होकर एक आध्यत्मिक भवन बन जायें और एक ही वेदी के चारों ओर एकत्र होकर दिव्य प्रेम के प्रभाव से विकसित होते जाएँ। इतना कहने के बाद धर्माध्यक्ष ने जल पर आशीष की प्रार्थना पढ़ी। पवित्र जल को वहाँ उपस्थित विश्वासियों पर, नये गिरजाघऱ की दिवारों पर और नई वेदी पर छिड़का गया। धर्माध्यक्ष विंसेट बरवा ने फीता काटकर उद्घाटन किया और नये गिरजाघर का बंद दरवाजा खोला एवं स्मारक शिला का अनावरण किया। धर्माध्यक्षों और पुरोहितों और विश्वासियों ने नये गिरजाघऱ में प्रवेश किया।
मिशनरियों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है
वचन समारोह के बाद हजारीबाग के धर्माध्यक्ष आनंद जोजो ने अपने प्रवचन की शुरुआत यह याद दिलाते हुए किया, “आज 3 दिसम्बर पूजन विधि पंचाग के अनुसार येसु समाजी संत फ्राँसिस जेवियर का पर्व दिवस है। आज हमने फादर हेरमन रास्कार्ट गिरजाघऱ को संत फ्राँसिस जेवियर को समर्पित किया है वे एक महान येसु समाजी मिशनरी थे और मिशनरियों के कार्यकलाप पूरे भारत वर्ष में बहुत ही सुन्दर रहा है उनसे हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। आज आगमन का पहला रविवार भी है... आज हमें महसूस करने की जरुरत है कि मिशनरियो के समय से लेकर आज तक हमारे छोटानागपुर में बहुत ही सुन्दर कार्य हुए हैं। इस प्रगचि को हम देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं।” इसके बाद धर्माध्यक्ष आनंद ने भौतिक मंदिर और पवित्र आत्मा के मंदिर की महानता को रेखांकित करते हुए कहा कि जिस मंदिर को हम आज ईश्वर को समर्पित कर रहे हैं वही ईश्वर हमसे कहते हैं, क्या तुम नहीं जानते कि तुम पवित्र आत्मा के मंदिर हो याने हम इस भौतिक मंदिर से भी महत्वपूर्ण हैं। ईश्वर हमारे जीवन में, हमारी आत्मा में निवास करना चाहते हैं। आज हम अपने आप को, अपने शरीर रुपी मंदिर को बेहतर ढंग से सम्मानित करें, तभी और अधिक भौतिक मंदिर का मान और सम्मान होगा।
धर्माध्यक्ष आनंद ने जीवन में बेहतर परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर जोर दिया और ईश सेवक फादर हेरमन रास्कार्ट के कुछ गुणों पर प्रकाश डाला। फादर हेरमन दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे। आज भी घर परिवार चलाने के लिए दृढ़ संकल्प लेने की जरुरत है। वे वफादार ईमानदार सेवक थे। छोटे कामों को भी उन्होंने ईमानदारी से किया। आज हमारे परिवार, समाज, झारखंड और पूरे देश में इसी तरह के सेवक और सेवकाई की जरुरत है। फादर हेरमन कठिनाईयों से घबड़ाने वाले व्यक्ति नहीं थे। पल्ली पुरोहित के रुप में अपनी पल्ली और अपने लोग तक ही अपने को सीमित नहीं रखा। उन्होंने सबकी भलाई के लिए बिना भेदभाव के और सबके साथ मिलकर काम किया। उनके साहस और मिलनसारिता से प्रेरित होकर, आज हमें सबों से मिलजुल कर काम करने की आवश्यकता है और सहयात्री कलीसिया का आह्वान भी यही है।
वेदी और गिरजाघर का अभिषेक
वचन समारोह के बाद धर्माध्यक्ष विंसेट और अन्य धर्माध्यक्षों ने मिलकर वेदी और गिरजाघर के दिवारों को पवित्र क्रिस्मा तेल से अभियंजित करके वेदी और गिरजाघर का अभिषेक किया जिससे गिरजाघर ख्रीस्त और कलीसिया के रहस्य को दृश्य चिन्ह द्वारा प्रकट कर सके। नई आग द्वारा पवित्र वेदी और गिरजाघरों की दीवारों पर धूप अर्पण किया गया। इस वेदी और गिरजाघर से हमारी प्रार्थनाएँ इसी धूप की तरह प्रभु की ओर उठती रहे और ख्रीस्त की सुगंध चारों ओर फैले।
पवित्र संदूक की आशीष
पवित्र परमप्रसाद वितरण समारोह के बाद धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना ने गिरजाघर के पवित्र संदूक की आशीष की प्रार्थना पढ़ी। संदूक में पवित्र परमप्रसाद को रखा और पवित्र संस्कार की आराधना धर्मविधि की अगुवाई की। समारोही अंतिम प्रार्थना के बाद फादर फेबियन डुँगडुँग की अगुवाई में ईश सेवक फादर हेरमन रसकार्ट के धन्य घोषणा की प्रार्थना की गई।
समारोही मिस्सा में राँची प्रोविंस के येसु समाजी फादर रायमंड केरकेट्टा, संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसमाज की मदर जेनरल सिस्टर लिल्ली ग्रेस टोपनो, उर्सुलाईन गुमला प्रोविंस की प्रोविंसियल सिस्टर कुमुदिनी और विभिन्न धर्मसमाजों की करीब 60 धर्मबहनें थी। समारोह में विश्वासियों की संख्या करीब 4000 थी।
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