संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

देवदूत प्रार्थना : पवित्र परिवार दिखलाता है कि परीक्षा के समय ईश्वर हमारे साथ हैं

पोप फ्राँसिस ने पवित्र परिवार पर्व के अवसर पर देवदूत प्रार्थना के पूर्व अपने संदेश में बतलाया कि कैसे हमें अपनी प्रेम कहानी पर आश्चर्यचकित होने की क्षमता कभी नहीं खोनी चाहिए, भले ही ऐसा लगे कि नकारात्मक पक्ष प्रबल है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 31 दिसम्बर 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 31 दिसम्बर को, पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर अपना संदेश दिया।

“आज हम येसु, मरियम और जोसेफ के पवित्र परिवार का पर्व मनाते हैं। सुसमाचार हमें दिखलाता है कि बालक को प्रभु को समर्पित करने के लिए येरूसालेम मंदिर ले जाया गया। (लूक. 2:22-40) पवित्र परिवार मंदिर में आता है और उपहार के रूप में निर्धारित सबसे दीन और सरल दान अपने साथ लाता है, जो उनकी गरीबी का प्रमाण है। अंत में, मरियम को एक भविष्यवाणी मिलती है: "और एक तलवार आपके हृदय को आर-पार छेद देगी।"(35)

संत पापा ने कहा, “वे गरीबी में आते हैं, और पीड़ा से भरे हुए चले जाते हैं। यह आश्चर्य की बात है - लेकिन यह कैसे हुआ कि, -येसु का परिवार, इतिहास का एकमात्र परिवार जो मांस और रक्त में ईश्वर के मौजूद होने का दावा कर सकता था, अमीर होने के बजाय, गरीब था! चीज़ें आसान होने के बजाय, ऐसा लगता है कि इस परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ा! कष्टों से मुक्त होने के बजाय यह परिवार घोर दुःखों में डूबा रहा!

पवित्र परिवार की कहानी

यह हमारे परिवारों को क्या बतलाता है? उन्होंने कहा, इस तरीका का जीवन, पवित्र परिवार की कहानी, जो गरीब, बाधित, बड़े दर्द के साथ जीवन व्यतीत किया, हमें बहुत सुंदर बात बताता है: कि ईश्वर, जिनकी हम अक्सर कल्पना करते हैं कि वे समस्याओं से परे हैं, वे हमारे जीवन को, समस्याओं के साथ जीने आए।(यो. 1:14) वे पहले से वयस्क नहीं थे, लेकिन बिलकुल छोटे एक महिला के गर्भ में आये। वे एक परिवार में रहे, एक माँ और पिता के बेटे के रूप में, जहाँ उन्होंने अपना अधिकांश समय बड़े होने, सीखने, रोजमर्रा की जिंदगी में, छुपेपन में और मौन में बिताया। और उन्होंने कठिनाइयों को नहीं टाला। बल्कि, एक ऐसे परिवार को चुना जो "कष्ट सहने का आदी" था, जो हमारे परिवारों से कहता है: "यदि आप कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो मुझे पता है कि आप क्या अनुभव कर रहे हैं। मैंने इसका अनुभव किया। मैं, मेरी माँ और मेरे पिताजी, हमने इसका अनुभव किया ताकि हम आपके परिवार से भी कह सकें: आप अकेले नहीं हैं!”

आश्चर्यचकित होना

संत पापा ने कहा, “जोसेफ और मरियम येसु के बारे में जो कहा गया था उससे आश्चर्यचकित थे।" (लूक. 2:33) क्योंकि उन्होंने नहीं सोचा था कि बूढ़ा सिमेओन और भविष्यवक्ता अन्ना वहाँ ये बातें कहेंगे। वे चकित थे और मैं आज इसी पर चिंतन करना चाहूँगा। आश्चर्यचकित होने की क्षमता पर। यह परिवार में अच्छी तरह आगे बढ़ने का राज हो सकता है। चीजों की सामान्यता के आदी न बनें। सबसे पहले, यह जानें कि ईश्वर, जो हमारे साथ हैं, कैसे आश्चर्यचकित हुए और फिर परिवार में आश्चर्यचकित होना है।  

संत पापा ने उपाय बतलाते हुए कहा, “यह जानना भी अच्छा है कि अपने जीवनसाथी पर आश्चर्य कैसे किया जाए, उदाहरण के लिए, उसका हाथ पकड़कर और शाम को कुछ सेकंड के लिए एक-दूसरे की आँखों में कोमलता से देखते हुए।

वैवाहिक जीवन में आश्चर्य

विस्मय आपको सदैव कोमलता की ओर ले जाता है। वैवाहिक जीवन में स्नेह खूबसूरत है। और फिर, बच्चों के जीवन के चमत्कार पर आश्चर्य करना, उनके साथ खेलने और उनकी बातें सुनने के लिए समय निकालने के द्वारा। उन्होंने कहा, “मैं आपसे, पिताओं और माताओं से पूछता हूँ: क्या आपको अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए समय मिलता है? उन्हें सैर पर ले जाने के लिए? कल मेरी एक व्यक्ति से फ़ोन पर बात हुई और मैंने उससे पूछा: "आप कहाँ हैं?" – उन्होंने जवाब दिया, "मैं चौराहे पर हूँ, मैं अपने बच्चों के साथ टहल रहा हूँ।" संत पापा ने कहा कि यह सुंदर पितृत्व और मातृत्व है।

उसके बाद, दादा-दादी की प्रज्ञा पर आश्चर्यचकित होना। कई बार हम दादा-दादी को जिंदगी से दूर कर देते हैं। पर, दादा-दादी ज्ञान के स्रोत हैं। संत पापा ने कहा, आइए, हम दादा-दादी की बुद्धिमत्ता, उनकी कहानी से आश्चर्यचकित होना सीखें। जो जीवन को आवश्यक चीजों में वापस लाते हैं।

अंत में, हमारी अपनी कहानी पर आश्चर्य करना: प्रभु ने हमें प्रेम से चलाया, इससे आश्चर्यचकित होना। हमारे जीवन में निश्चित रूप से नकारात्मक पहलू है, और इसके बावजूद ईश्वर अपनी भलाई के द्वारा हमारे साथ चलते हैं जो आश्चर्य की बात है।

माता मरियम परिवार की रानी से प्रार्थना

तब संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “परिवार की रानी, मरियम, हमें आश्चर्यचकित होने में मदद करे। आज हम विस्मय करने की कृपा के लिए प्रार्थना करें। हमारी माता हमें हर दिन अच्छाइयों से चकित होने और दूसरों को विस्मय की सुंदरता सिखाने में मदद करें।” इतना कहकर संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस का संदेश

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31 December 2023, 17:23

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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