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युद्ध के कारण पूर्वी दशों में बच्चों की स्थिति युद्ध के कारण पूर्वी दशों में बच्चों की स्थिति 

संत पापाः युद्धग्रस्त देशों के शिकार बच्चों की याद

संत पापा फ्रासिस ने युद्ध के शिकार बच्चों की याद की और युद्धग्रस्त देशों यूक्रेन, फिलीस्तीन, इस्रराएल, लेबनान में शांति हेतु प्रार्थना की अपील की।

वाटिकन सिटी

अपने देवदूत प्रार्थना के पाठ उपरांत संत पापा ने सदैव की भांति विश्व में शांति की कामना करते हुए यूक्रेन, फिलीस्तीन, इस्रराएल और लेबनान की याद की।

अपने देवदूत प्रार्थना के पाठ उपरांत संत पापा ने सदैव की भांति विश्व में शांति की कामना करते हुए यूक्रेन, फिलीस्तीन, इस्रराएल और लेबनान की याद की।

संत पापा ने युद्ध की रोकथाम हेतु प्रार्थना करते हुए मानव जीवन की पवित्रता पर बल दिया जिसे सर्वप्रथम महत्व दिये जाने की जरुरत है। उन्होंने इस बात की ओर इंगित कराते हुए कहा कि युद्ध में जनजीवन को तहस-नहस होता पाते हैं जिसमें कितने ही निर्दोष बच्चे मारे जाते हैं। बच्चों की क्रूरतापूर्ण मौत हमारे लिए एक भयानक चित्र को प्रस्तुत करती है। संत पापा ने सभों से शांति हेतु प्रार्थना की आपील की।  

जेनेवा सम्मेलनों की 75वीं वर्षगांठ

संत पापा ने आने वाले सप्ताह जेनेवा सम्मेलनों की 75वीं वर्षगांठ की याद की जहाँ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन “अंतरात्मा को जगाएगा ताकि सशस्त्र संघर्षों के दौरान, व्यक्तियों के जीवन और सम्मान के साथ-साथ नागरिक संरचनाओं तथा पूजा स्थलों की अखंडता हेतु बनाये गये अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान किया जा सके।” संत पापा ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह कितनी दुखद बात है कि युद्ध में अस्पताल और स्कूल नष्ट हो जाते हैं।

चियापास में मारे गए पुरोहित की याद

संत पापा फ्रांसिस ने मैक्सिको के चियापास, सैन क्रिस्टोबल डे लास कासस में पुरोहित मार्सेलो पेरेज़ की मृत्यु पर शोक मना रहे श्रद्धालुओं की याद की, जिनकी हत्या पिछले रविवार को कर दी गई थी। उन्हें “सुसमाचार और ईश्वर के वफादार लोगों का एक उत्साही सेवक” बताते हुए, संत पापा ने प्रार्थना की कि उनका बलिदान, प्रेरिताई की निष्ठा में मारे गए अन्य पुरोहितों की तरह, “शांति और ख्रीस्तीय जीवन का बीज बनें।”

संत पापा ने शक्तिशाली चक्रवात से प्रभावित फिलीपींस के लोगों की भी याद की और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देते हुए कहा कि प्रभु उन महान आस्था वाले लोगों को सहारा दे।

नोस्त्रा ऐताते की वर्षगांठ

अंत में, संत पापा ने यहूदियों के साथ धार्मिक संबंधों के लिए संत पॉल 6वें द्वारा निर्मित आयोग के की 50वीं वर्षगांठ और द्वितीय वाटिकन परिषद में नोस्त्रा ऐताते की आगामी 60वीं वर्षगांठ की याद की। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, इन महान पीड़ा और तनाव के समय में, वे उन सभों को अपना प्रोत्साहन देते हैं जो स्थानीय स्तर पर संवाद और शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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28 October 2024, 10:05

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

ताजा देवदूत प्रार्थना/स्वर्ग की रानी

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