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संत पापा देवदूत प्रार्थना में संत पापा देवदूत प्रार्थना में  (ANSA)

संत पापाः जीवन के द्वारा येसु का साक्ष्य दें

संत पापा फ्रांसिस ने आगमन के तीसरे रविवार को विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के संग देवदूत प्रार्थना किया, उन्होंने योहन बपतिस्ता के जीवन पर चिंतन किया।

वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने आगमन के तीसरे रविवार को वाटिकन संत पेत्रुस महागरिजाघर के प्रांगण में विश्व के विभिन्न स्थानों से आये हुए विश्सावियों और तीर्थयात्रियों के संग देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने सभों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों सुप्रभात।

संत पापा ने कहा कि आज आगमन के तीसरा रविवार का सुसमाचार हमें योहन बपतिस्ता की प्रेरिताई के बारे में कहता है। यह हमें इस बात की ओर इंगित कराता है कि वे ईश्वर की ओर से भेजे गये एक नबी हैं जो ज्योति का साक्ष्य देते हैं। हम ज्योति के साक्ष्य पर चिंतन करें। योहन का साक्ष्य क्या है ॽ और वे हमें कौन-सी ज्योति दिखलाते हैंॽ

योहन बपतिस्ता का व्यक्तित्व

साक्ष्य के बारे में चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि योहन बपतिस्ता निश्चित ही एक अद्वितीय व्यक्ति हैं। लोग उनके समर्पित और निष्ठा भरे जीवन से आकर्षित उन्हें सुनने के लिए जमा होते हैं। उनका साक्ष्य हमारे लिए उनके निष्ठामय व्यवहार में, उनके कठोर जीवन के द्वारा ईमानदारी पूर्ण वचनों में आता है। ये सारी चीजें उन्हें उस समय के प्रसिद्ध और अन्य शक्तिशाली लोगों से अलग स्थापित करता है, जो अपने में दिखावे की चीजों में डूबोये रखते थे। उनके जैसे लोग, सीधे, स्वतंत्र और साहसी अपने में उदीप्त आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं, वे हमें अपने छिछले जीवन से ऊपर उठने को प्रेरित करते और दूसरों के लिए एक आदर्श जीवन व्यतीत करने का पाठ पढ़ाते हैं। हर दौर में, ईश्वर ऐसे कुछ नर और नारियों को भेजते हैं। क्या हम उन्हें पहचानना जानते हैंॽ  क्या हम उनके साक्ष्य से अपने लिए कुछ सीखते और अपने जीवन में चुनौतियाँ स्वीकारते हैं ॽ  या हम अपने को आधुनिक फैशन वाले लोगों से चकाचौंध होने देते हैं।

योहन की ज्योति-येसु ख्रीस्त

संत पापा ने कहा कि ज्योति का साक्ष्य देने में योहन अपने को ज्योतिर्मय पाते हैं। लेकिन उसके लिए ज्योति क्या हैॽ उनके जीवन का समपर्ण और उनकी निष्ठा का कारण क्या हैॽ वे स्वयं इसका उत्तर उन लोगों के लिए देते जो उन्हें सुनने के लिए जमा होते हैं कि वे स्वयं ज्योति नहीं हैं, वे मसीह नहीं हैं। येसु वह ज्योति हैं, ईश्वर के मेमने, जो हमें बचाते हैं, जैसे कि उनका नाम हमें बतलाता है। केवल वे हमें बचाते, स्वतंत्र करते, चंगाई देते और प्रज्वलित करते हैं। यही कारण है कि वे अपने भाई-बहनों के लिए एक आवाज हैं जो बिना महिमा या पहचान पाने की चाह रखे उनके साथ चलते हैं। वे एक दीया हैं जबकि येसु ज्योति।

भाइयो एवं बहनों, योहन बपतिस्मा का उदाहरण हमें कम से कम दो बातों की शिक्षा देता है। पहला कि हम स्वयं अपने को नहीं बचा सकते हैं बल्कि सिर्फ ईश्वर में हम अपने जीवन की ज्योति को पाते हैं। दूसरा, अपनी सेवा, निष्ठा, नम्र जीवन के साक्ष्य द्वारा, सदैव ईश्वर की कृपा से हम दूसरों के लिए एक चमकते दीपक बन सकते हैं जो येसु को पाने में उनके लिए एक राह बनता है।

संत पापाः जीवन में साक्ष्य दें

येसु का साक्ष्य दें

अतः हम स्वयं से पूछें उन स्थानों में जहाँ मैं रहता हूँ, मैं कैसे ज्योति का साक्ष्य दे सकता हूँ ॽ मैं वर्तमान समय में कैसे ख्रीस्त का साक्ष्य दे सकता हूँ ॽ इन त्योहारों के दिनों में, मैं कैसे सच्चे ज्योति का साक्ष्य बन सकता हूँॽ उन लोगों के लिए जिनसे मैं बातें करता हूँ, मिलता हूँ, येसु ख्रीस्त जो मेरे जीवन को आलोकित करते हैं जिससे वे उन्हें जान सकें और अपने जीवन में आनंदित हो सकें।

माता मरियम पवित्रता का दर्पण हमें येसु ख्रीस्त को प्रतिबिंबित करने में मदद करें, जो इस दुनिया में आते हैं। इतना कहने के बाद संत पापा फ्रांसिस ने सभों के संग दूत संदेश का पाठ किया और सभों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

देवदूत प्रार्थना उपरांत संत पापा फ्रांसिस ने पुनः सभों का अभिवादन करते हैं कहा कि अर्जेंटीना के लूजान मरियम तीर्थ में, कार्डिनल एदुआर्दो पेरोनियो को धन्य घोषित किया गया। वे अपने में एक नम्र और उत्साही प्रेरित थे जिन्होंने आशा का साक्ष्य देते हुए गरीबों की रक्षा की। उन्होंने संत पापा योहन पौलुस द्वितीय के संग लोकधर्मियों और विश्व युवा दिवस हेतु कार्य  किया । उनका उदाहरण हमें वह कलीसिया बनने में मदद करे जो सभों के साथ चलती है विशेष रुप से कमजोरों के संग आगे बढ़ती है। 

पालयन के शिकार  लोगों की याद

संत पापा ने कोलंबिया और पनामा के मध्य देरियन जंगल से होकर पलायन करने का प्रयास कर रहें शरणार्थियों की याद की। “बहुधा परिवारों और बच्चों को ऐसे खतनाक मार्गों से होकर गुजरना होता है, वे उन लोगों के धोखे का शिकार होते जो उन्हें झूठी प्रतिज्ञाओं, छोटी और सुरक्षित यात्रा का प्रलोभन देते हुए उनके साथ दुव्यवहार करते और उन्हें लूट लेते हैं।” ऐसी यात्रा में बहुत से लोग अपना जीवन खो देते हैं। इस संदर्भ में, सीधे तौर पर प्रभावित देशों को चाहिए की वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहायता से ऐसी दुःख गुप्त यात्राओं में प्रतिबंध लगायें और एक साथ मिलकर लोगों को लिए मानवीय सहायता उपलब्ध करें।

संत पापा ने युद्ध पीड़ितों की ओर सभों का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि हम युद्ध के कारण प्रभावित लोगों को न भूलें, यूक्रेन, फिलीस्तीन और इस्रराएल के अलावे अन्य दूसरी जहाँ में युद्ध प्रभावित क्षेत्र को। ख्रीस्त जंयती की ओर हमारा आगे बढ़ना, विश्व में शांति का मार्ग प्रशस्त करे।

गाजा की स्थिति

संत पापा ने गाजा की गंभीर स्थिति के बारे में कहा कि हथियारहीन लोगों को बमों और बंदूकों का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने पवित्र घराने की पल्ली परिसर में हुई घटना के प्रति दुःख व्यक्त किया जहाँ आंतकी नहीं रहते बल्कि परिवार, बच्चे और बीमार तथा उनकी देख-रेख करने वाले लोग रहते हैं। संत पापा ने गोली बारी की घटना में एक माता नाहिदा खल्लील और उसकी बेटी समार कमाल अंतोन के मारे जाने पर अपना शोक व्यक्त किया। “मदर तेरेसा की धर्मबहनों के निवास को इन घटनाओं में क्षति पहुंची है।” कुछ लोगों ने इसे “हिंसा और युद्ध कहा है” हाँ, ये हमारे लिए हिंसा और युद्ध हैं।” संत पापा ने शांति स्थापना हेतु ईश्वर से प्रार्थना का करने का आहृवान किया।

इसके उपरांत संत पापा ने रोम, इटली और विश्व के भिन्न देशों से आये हुए परिवारों और पल्ली समुदाय के लोंगो का अभिवादन किया। उन्होंने विशेष रुप से संयुक्त राज्य अमेरीका और पोलैंड, मोरमान्नो, अकीला और वितेरबो के विश्वासियों का अभिवादन किया।

अंत में संत पापा ने बच्चों के द्वारा आशीष हेतु लाई गई बालक येसु की छोटी मूर्तियों को, आशीष देते हुए कहा कि आप चरनी के सम्मुख उन बच्चों के लिए प्रार्थना करें जो इस ख्रीस्त जंयती के समय युद्ध के कारण,शरणार्थी शिविरों में कठिनाइयों का सामना करेंगे। इतना कहने के बाद उन्होंने सभों को ख्रीस्त जंयती की शुभकामनाएं प्रदान कीं और अपने लिए प्रार्थना का निवेदन करते हुए सभों से विदा लीं।  

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17 December 2023, 18:08

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

ताजा देवदूत प्रार्थना/स्वर्ग की रानी

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