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पोप फ्रांँसिस 24 नवंबर, 2019 को हिरोशिमा के पीस मेमोरियल पार्क में प्रार्थना करते हुए पोप फ्रांँसिस 24 नवंबर, 2019 को हिरोशिमा के पीस मेमोरियल पार्क में प्रार्थना करते हुए  (AFP or licensors)

पोप ने द्वितीय विश्व युद्ध में परमाणु बम की याद की, शांति की अपील दोहरायी

पोप फ्राँसिस ने युद्ध से प्रभावित स्थानों पर शांति के लिए अपनी अपील दोहराई और ब्राजील में यात्री विमान दुर्घटना के पीड़ितों के लिए प्रार्थना की।

वाटिकन न्यूज

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विभिन्न घटनाओं की याद की। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराये जाने की याद कर कहा, “हाल के दिनों में हमने हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बमबारी की बरसी को याद किया है। जब हम उन घटनाओं और सभी युद्धों के पीड़ितों के लिए प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं, हम शांति के लिए अपनी गहन प्रार्थना को नवीनीकृत करते हैं, विशेष रूप से पीड़ित यूक्रेन, मध्य पूर्व, फिलिस्तीन, इज़राइल, सूडान और म्यांमार के लिए।”

संत क्लारा के पर्व की याद करते हुए संत पापा ने कहा, “आज मुझे संत क्लारा के पर्व की याद आ रही है: मैं सभी गरीब वर्गों और विशेष रूप से वालेग्लोरिया के लोगों को सस्नेह याद करता हूँ जिनके साथ मेरी एक अच्छी दोस्ती है।”

पोप फ्राँसिस ने शुक्रवार को ब्राजील के साओ पाउलो राज्य में एक विमान दुर्घटना के पीड़ितों के लिए भी प्रार्थना की, जिसमें विमान में सवार सभी 61 लोगों की मौत हो गई।

संत पापा ने कहा, “हम ब्राजील में हुई दुखद विमान दुर्घटना के पीड़ितों के लिए भी प्रार्थना करते हैं।”

वोएपास द्वारा संचालित यात्री विमान विनहेडो शहर में एक आवासीय गेट समुदाय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

विमान कास्कावेल से साओ पाउलो के लिए उड़ान भर रहा था और जमीन पर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

तत्पश्चात् संत पापा ने रोम, इटली एवं विभिन्न देशों के तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। और विशेषकर उन्होंने बेरगमो के सेमिनरी छात्रों का अभिवादन किया, जो असीसी से तीर्थयात्रा करते हुए पैदल रोम पहुंचे हैं। उन्होने कहा, “क्या आप थके हैं? नहीं? ठीक है। आप साहसी हैं!”

अंत में, अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित कीं।

 

 

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11 August 2024, 15:55

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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